बाढ़ आपदा के दौरान सावधानी बरतें और सुरक्षित रहें
बाढ़ आपदा से हुई मृत्यु तो मिलेंगे 4 लाख रूपये
एम. अहमद
श्रावस्ती। जिलाधिकारी अजय द्विवेदी ने बताया कि राहत आयुक्त कार्यालय उत्तर प्रदेश द्वारा डूबने से बचाव हेतु सुरक्षा के उपाय बताये गये है जिससे जनपदवासी बाढ़ जैसी आपदा के दौरान सावधानी बरतकर अपनी सुरक्षा कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि यदि तैरना न आता हो तो नदी, नहर, नाले, तालाब आदि में कदापि न जाएं एवं अपने स्वजन को भी जाने से रोकें। बच्चों को पुलिया एवं ऊंचे टीलों से पानी में कूद कर स्नान करने से रोकें, अति आवश्यक हो तो ही पानी में उतरें एवं गहराई का ध्यान रखें, ओवरलोडेड नौकाओं में न बैठें।
कोशिश करें किसी नदी, पोखर, तालाब या जल स्रोत में सामूहिक रूप से स्नान करने जाते समय साथ में 10-15 मीटर लंबी रस्सी या धोती/साड़ी अवश्य रखें। नदियों, नहरों, जलाशयों या अन्य जल स्रोतों के पास लिखी हुई चेतावनी की अवहेलना न करें। छोटे बच्चों को घाटों एवं जल स्रोतों के समीप न जाने दें। किसी के उकसावे में आकर पानी में छलांग न लगाएं। नदियों या अन्य जल स्रोतों के घाटों पर रीति-रिवाजों एवं संस्कारों का निर्वहन करते समय सावधानी बरतें। नदी या तालाब में तैरते/स्नान करते समय स्टंट न करें, सेल्फी आदि न लें ऐसा करना जानलेवा हो सकता है।
जिलाधिकारी ने जनपद के समस्त ग्राम प्रधानों एवं नागरिकों से अपील किया कि नदियों, तालाबों अथवा अन्य जल स्रोतों के पास बच्चों को न जाने दें। जल स्रोतों में डूबने के कारण जनहानि होती है, इसलिए सतर्कता बरतने और जागरूकता फैलाने का हरसंभव प्रयास करें। बाढ़ आपदा के दौरान एम्बुलेंस सहायता हेतु 108, पुलिस सहायता हेतु 112 व राहत आपदा के कन्ट्रोल रूम 1070 पर कॉल करके सहायता प्राप्त कर सकते है।
बाढ़ आपदा के दौरान मृत्यु होने पर रू0 4 लाख (पोस्टमार्टम एवं पंचनामा अनिवार्य), शारीरिक दिव्यांग होने पर रू0 74,000 से 2.5 लाख, मकान की क्षति होने पर रू0 4,000 से 1.2 लाख, पशु की मृत्यु होने पर रू0 4,000 से 37,500, फसल की क्षति होने पर रू0 8,500 से 22,500 प्रति हेक्टेयर तक की राहत राशि दिये जाने का भी प्राविधान है।