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दुनिया में आने से पहले ही हादसे का शिकार हो गया 8 माह का बच्चा
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आक्रोशित परिजनों ने हाईवे किया जाम, हादसे के बाद भी अधिकारी नहीं पहुंचे मौके पर
अखिलेश श्रीवास्तव
लखनऊ। जनपद के चिनहट इलाके में बीबीडी यूनिवर्सिटी के सामने तेज रफ्तार अनियंत्रित ट्रक ने झोपडी में सो रहे पूरे परिवारी को मौत की नींद सुला दिया। घटना देर रात अयोध्या हाइवे से सटे सर्विस लेन के किनारे की है जहां झोपड़ी में घुसे बेकाबू ट्रक ने 2 मासूम समेत 4 लोगों की जान ले ली।

हादसे में जान गंवाने वाली महिला 8 महीने की गर्भवती भी थी जिसके कोख में पहल रहा बच्चा दुनिया में आने से पहले ही हादसे का शिकार हो गया और मां के पेट फटने से उसकी भी मौके पर मौत हो गई। मौरंग लगे 16 चक्का ट्रक के नीचे गरीब की पूरी गृहस्थी दबकर गायब हो गयी।
सो रहे पूरे कुनबे को रौंद करके गड्ढे में गिरा ट्रक
अयोध्या हाईवे पर बीबीडी यूनिवर्सिटी के सामने सर्विस लेने पर बाराबंकी के जैतपुर निवासी उमेश (35) टाइल्स कारीगर था। वर्तमान में काम न होने के चलते वह रोजगार के लिए अपना कुनबा बसाया था। घर का मुखिया उमेश पेशे से नंबर प्लेट और गुड्डे बनाने व बेचने का काम रोड किनारे रह कर करता था। उमेश पत्नी नीलम देवी (32) और 3 बच्चों के साथ इसी झोपड़ी में करीब 7 माह पहले बाराबंकी से आया था। उमेश अपने बच्चे सनी (13), वर्षीय वैष्णवी (7) और गोलू (4) के साथ हंसी—खुशी रह रहा था। शनिवार रात तकरीबन डेढ़ बजे लखनऊ से बाराबंकी की तरफ जा रहा मोरंग लदा 16 पहिया ट्रक अचानक से अनियंत्रित होकर हाइवे से सीधा सर्विस लेन होता हुआ झोपड़ी की तरफ पलट जाता है। सो रहे सभी लोगों को कुलचता हुए बड़े गड्ढे में जा गिरा।
पुलिस ने ट्रक के नीचे शवों को निकाला
ट्रक के गिरने व चीख—पुकार सनकर बगल की झोपड़ी में परिवार समेत सो रहे उमेश के बड़े भाई अमर सिंह और अपने बेटे धरम सिंह के साथ मौके पर पहुंचा। जिस झोपडी में उनके छोटे भाई का पूरा परिवार सो रहा था, वह अब ट्रक के नीचे हिस्से में था। पूरा घर मौरंग के नीचे दब चुका था। इस बात की सूचना देर रात पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने ट्रक के नीचे दबे हुए घर के 4 सदस्यों के शव को निकाला जिसमें उमेश उसकी पत्नी नीलम देवी उनके 2 मासूम बच्चे सनी और गोलू शामिल था।

गर्मी के चलते बाहर सो रही बच्ची बच गयी
एक झटके में परिवार के 4 लोग मौत की नींद में समा गए और रह गयी सिर्फ एक 7 साल की नन्हीं परी वैष्णवी। वहां गर्मी के चलते अपने ताऊ के झोपड़ी में बाहर आकर लेट गई थी। हादसे के समय वह पूरे परिवार में अकेली बच गई जिसे अब तक इस बात का इल्म नहीं की। उसके परिवार का कोई भी सदस्य अब उसे किसी बात को टोकने और खेलने के लिए नहीं कहेगा।
हाईवे छोड़ सर्विस लेने में आया 16 चक्कर डम्फर
हादसे का भयावक मंजर देख आसपास पड़ोस में रहने वाले सकते में थे। उमेश की पूरी गृहस्थी 16 चक्का ट्रक में लगे मौरंग के नीचे दब गई। डंपर के नीचे दबे उसके बर्तन, चप्पल और चटाई दिल दहला देने वाले हादसे की कहानी खुद बयां कर रही है। उमेश के बड़े भाई अमर सिंह और भतीजे धरम सिंह ने बताया की ट्रक ड्राइवर को देखने में लग रहा था कि वह नशे में था। हाईवे छोड कर हैवी व्हीकल सर्विस लेन में लेकर आ गया था। जबकि 16 चक्का डंप के लायक सर्विस लेन नहीं है। पुलिस ने ट्रक ड्राइवर व क्लीनर को पुलिस हिरासत में लिया हादसे में दोनों घायल होने के चलते उन्हें भी इलाज के लिए लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
ड्राइव व क्लीनर भी घायल
16 टायरा यह ट्रक लखनऊ से बाराबंकी की ओर तेज रफ्तार से जा रहा था। नंबर यूपी वाईएक्स बीटी 1829 है। मौरंग लादकर बाराबंकी की तरफ जा रहा था। बीबीडी यूनिवर्सिटी के सामने अचानक डंपर के ड्राइवर ने हाईवे की जगह उसे सर्विस लेन में ले लिया। सर्विस लेन पतली होने और उसमें गड्ढ़े होने के चलते उसका अचानक नियंत्रण बिगड़ गया और वह सर्विस लेन के किनारे तलाब की तरह पलट गया। डीसीपी पूर्वी प्रबल प्रताप सिंह ने बताया की की इस दर्दनाक घटना में 2 मासूम सहित 4 लोगों की जान चली गयी है लेकिन ट्रक में मौजूद चालक पंकज झा व क्लीनर भी हादसे में गंभीर रूप से घायल है जिन्हें लोहिया अस्पातल में भर्ती कराया गया है। हादसे की असल वजह क्या इस बात का टेक्नीकल मुआइना भी किया जाएगा। घायल ड्राइवर व क्लीनर डॉक्टरों की देख—रेख में भर्ती है जिनसे पूछताछ के बाद घटना के असल वजह सामने आएगी।
हादसे में गर्भवती महिला का पेट फटा
मौरंग लदे ट्रक के झोपड़ी में पलटने के चलते उमेश की पत्नी नीलम का पेट फटा गया जिसमें 8 माह का बच्चा बाहर आ गया। हादसे के बाद पुलिस शवों को बाहर निकाल रही थी तभी नीलम के शव को बहार निकालते समय उसे पेट में पह रहे बच्चे को समय से पहले पेट फटने के चलते बाहर देख पुलिस कर्मियों को आंख में भी आंसू आ गये। दुनिया में आने से पहले बच्चे की दर्दनाक मौत को देख पुलिस कर्मियों की आत्मा पिघल गई। उन्होंने हादसे में पूरे परिवार की समाधी वाली जगह पर ही 8 माह के बच्चे को जो मां के पेट से असमय हादसे के चलते बाहर आ गया था, उसकी समाधि भी बना दी। उसे मिट्टी में गाड कर दफन कर दिया।
डम्फर के नीचे दब गयी पूरी गृहस्थी
हादसे में केवल 5 लोगों की मौत नहीं, बल्कि एक परिवार की पूरी गृहस्थी भी दबकर खत्म हो गई। कहीं पहियों के नीचे चप्पल तो कहीं चटाई इस बात की गवाही दे रही थी कि हादसे के चंद मिनट पहले पूरा परिवार किसी हंसी खुली से वहां रह रहा था। मौरंग के नीचे पूरी गृहस्थी दफन हो गई, एक भी चीज बाहर नहीं निकल सकी।
प्रदर्शन के बाद भी नहीं पहुंचा कोई अधिकारी
दिल दहला देने वाले हादसे के बाद आक्रोशित परिजनों ने शनिवार सुबह अयोध्या हाईवे पर जाम लगाने का प्रयास किया। हालांकि स्थानीय पुलिस ने उन्हें समझा बुझाकर शांत कर दिया। मदद का आश्वासन भी दिया लेकिन जिला प्रशासन का कोई अफसर मौके पर नहीं पहुंंचा।
परिवार में इकलौती बची बेटी
उमेश के परिवार में दुनिया में जन्म लेेने से पहले और वर्तमान में सभी सदस्य खत्म हो गये। पूरे परिवार में मात्र एक बेटी वैष्णवी बची है जिसे अभी तो लोग सहारा दे रहे हैं लेकिन उसने भी नहीं मालूम कि उसे परिवार में कोई नहीं बचा। पूछने पर बस एक ही जवाब दे रही है कि हादसे के समय वह गर्मी लगने के चलते बाहर ताऊ के झोपड़ी में आकर लेट गई थी। भाई बहन के बारे में पूछे जाने पर कहा कि बस स्कूल गए होंगे।