Jaunpur: गैरवाह प्रधान को वापस मिला वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार

  • सरकारी धन का दुरूपयोग एवं गबन की चल रही थी जांच

डा. प्रदीप दूबे
सुइथाकला, जौनपुर। विकास खण्ड स्थित गैरवाह ग्राम प्रधान विजय सिंह के विरुद्ध जिलाधिकारी के निर्देशन प्रचलित जांच के उपरांत सरकारी धन के दुरुपयोग एवं गबन के आरोप की जांचोपरान्त पुष्टि न होने के फलस्वरूप ग्राम प्रधान के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार पर लगी रोक समाप्त कर दी गई। प्रकरण में उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश के अनुपालन में जांच चल रही थी। गौरतलब है कि ग्राम निधि के धन के दुरुपयोग के मामले में गांव के ही उच्च न्यायालय के अधिवक्ता अमन सिंह द्वारा भ्रष्टाचार की जांच हेतु रिट याचिका योजित की गयी थी।
उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुक्रम में जिलापूर्ति अधिकारी द्वारा प्रकरण की जांच आख्या प्रस्तुत करने के उपरांत ग्राम प्रधान द्वारा सन्तोषजनक स्पष्टीकरण न दिये के फलस्वरूप उप्र पंचायत राज अधिनियम 1947 की धारा 95(1) जी के तहत कार्रवाई की गयी थी। गौरतलब है कि अनियमितता के सम्बन्ध में जांच अधिकारी उपायुक्त स्वतः रोजगार जौनपुर द्वारा प्रस्तुत जाँच आख्या का परीक्षण जिला शासकीय अधिवक्ता (सिविल) जौनपुर से कराया गया।
जिला शासकीय अधिवक्ता (सिविल) द्वारा जॉच आख्या का परीक्षण कर अपने पत्र के माध्यम से प्रेषित आख्या में उल्लेख किया कि ग्राम पंचायत गैरवाह में कराये गये कार्य पर व्यय की गई धनराशि के सापेक्ष किसी प्रकार की वित्तीय अनियमितता परिलक्षित नहीं होती है। प्रकरण में शिकायत निराधार पाये जाने पर जिलाधिकारी द्वारा प्रधान विजय सिंह को पुनः वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार प्रदान करते हुए शिकायत निस्तारित कर दिया गया।

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