Home NATIONAL सूरत के नागरिकों ने चीन में फालुन दाफा अभ्यासियों के उत्पीड़न पर...
-
फालुन दाफा का दुनिया भर में स्वतंत्र रूप से किया गया अभ्यास मगर चीन में किया गया उत्पीड़न
गुजरात। फालुन दाफा, मन और शरीर की एक आध्यात्मिक अभ्यास, दुनिया भर के 100 से अधिक देशों में लोकप्रिय है लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अपने जन्मस्थान चीन में 20 जुलाई 1999 से साम्यवादी शासन द्वारा उस पर अत्याचार किया जा रहा है।

दुनिया भर में फालुन दाफा अभ्यासी लोगों को इस क्रूर उत्पीड़न के प्रति जागरूक करने के लिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन, रैलियां और मोमबत्ती की रोशनी में जुलूस निकालकर 20 जुलाई के दिन को “विरोध दिवस” के रूप में मनाते हैं। इस विषय पर जागरूकता लाने के लिए फालुन दाफा एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने 27 जुलाई को संजीव कुमार ऑडिटोरियम में संगोष्ठी का आयोजन हुआ जहां सूरत के प्रतिष्ठित लोगों और बुद्धिजीवियों ने भाग लिया।
पूर्व सांसद अनिल हेगड़े, किरण अस्पताल के अध्यक्ष पद्मश्री मथुरभाई सवाणी, यूरो इंडिया फ्रेश फूड्स लिमिटेड के अध्यक्ष मनहर भाई जीवन भाई संपारा, प्रसिद्ध उद्योगपति विजय मेवा वाला, प्रमुख हीरा व्यापारी अशोक गोयानी सहित सूरत के कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने संगोष्ठी में भाग लिया। इस दौरान भारत और विदेश से फालुन दाफा अभ्यासियों ने भी भाग लिया।
संगोष्ठी के दौरान फालुन दाफा अभ्यास और इसके 5 अभ्यासों और ध्यान के बारे में एक प्रस्तुति दी गई। सभी उपस्थित लोगों ने स्वयं भी ध्यान का अनुभव किया। दौरान फालुन दाफा प्रथा और चीन में इसके उत्पीड़न के बारे में कुछ लघु फिल्में भी दिखाई गईं। श्री हेगड़े ने कहा कि वह 2002 से फालुन दाफा अभ्यास के बारे में जानते हैं। उन्होंने चीन में फालुन दाफा अभ्यासियों के क्रूर उत्पीड़न की कड़ी निंदा की और इसके तत्काल अंत के लिए आवाज उठाई।
प्रसिद्ध उद्योगपति विजय मेवा वाला ने कहा कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में बहुत तनाव है। ऐसे में फालुन दाफा अभ्यास मानसिक शांति प्रदान करने में मदद कर सकता है।
अपने कुछ छात्रों के साथ आईं पीपी सवानी स्कूल की प्रिंसिपल रचना दुबे ने कहा कि फालुन दाफा अभ्यास ने उन्हें बहुत प्रभावित किया है और वह चाहती हैं कि उनके स्कूल के छात्र भी इसे सीखें।
अशोक गोयानी ने कहा कि आज सूरत में फालुन दाफा के अभ्यास से एक अच्छी शुरुआत हुई है और भविष्य में सूरत के सभी लोगों को इसका लाभ अवश्य मिलेगा।
इसके अतिरिक्त 27 जुलाई को शाम 5:30 बजे से एसवीएनआईटी सर्कल से एक शांतिपूर्ण मार्च आयोजित किया गया जिसके बाद शाम 7 बजे राहुल राज मॉल पर मोमबत्ती की रोशनी में जुलूस निकाला गया। सूरत के नागरिकों ने पहली बार इस प्रकार की परेड और कैंडल लाइट विजिल कार्यक्रम को उत्सुकता से देखा और इसके लिए अपना समर्थन भी दिया।




















