जौनपुर। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी पहल है, इसका उद्देश्य देश के स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों के बच्चों में कृमि संक्रमण को नियंत्रित करना है। यह कार्यक्रम स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा चलाया जा रह है।
कार्यक्रम को सफलतापूर्वक सम्पन्न कराये जाने हेतु जिलाधिकारी रविन्द्र मांदड़ की अध्यक्षता में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के सफल क्रियान्वयन हेतु अर्न्तविभागीय समन्वय समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में हुई। उन्होंने समस्त सम्बन्धित विभागों को निर्देशित किया कि आपस में समन्वय कर कार्यक्रम को सफलता पूर्वक सम्पादित कराये।
मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 लक्ष्मी सिंह ने बताया कि कृमि संक्रमण एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है जो बच्चों में एनीमिया, बीमारी और शैक्षिक प्रदर्शन में कमी का कारण बन सकती है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य इन प्रभावों को कम करना और बच्चों के समग्र स्वास्थ्य और शिक्षा परिणामों में सुधार करना है। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम समस्त स्कूल एवं आंगनबाडी़ कार्यकर्ताओ के माध्यम से 1 से 19 वर्ष तक के सभी बच्चों और किशोर-किशोरियों को अल्बेंडाजोल टैबलेट खिलाई जाएगी।
कृमि मुक्ति अभियान 10 अगस्त और मॉप-अप दिवस 14 अगस्त को है। मॉप अप दिवस पर छुटे हुए किशोर किशोरियों और बच्चों को दवा खिलाई जाएगी। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम के मुख्य सहयोगी विभाग स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, ग्रामीण पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, पंचायती राज विभाग है। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी साईं तेजा सीलम, एमओआईसी सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।