सिद्दीकपुर, जौनपुर। अमर शहीद उमानाथ सिंह मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक सहित अन्य कर्मचारी शिथिल एवं अकर्मण्य देखे जा रहे हैं। मरीजों को देखने—दिखाने के समय यहां के चिकित्सक विद्यार्थियों एवं कर्मचारियों के साथ मनोरंजन में मशगूल रहते हैं। दूर—दराज से आकर मरीजों को घंटों प्रतीक्षा करना पड़ता है। लोगों की मानें तो सरकार की मंशानुरूप बने मेडिकल कॉलेज में सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है।
फिर हो भी क्यों न? जब कॉलेज के मैनेजिंग डायरेक्टर, स्टाफ आदि सिर्फ अपने हॉस्पिटल पर केंद्रित रहते हैं। कैसे एवं कितने मरीजों से लाभ मिलेगा, बस उसी ख्याली चौसर खेलने में लगे रहते हैं। बताते चलें कि मेडिकल कॉलेज में जिला चिकित्सालय की भांति ही मरीजों का तांता लगा रहता है परन्तु उनका सही उपचार नहीं हो पा रहा है।
जब मरीजों को देखने का समय रहता है तो चिकित्सक अपने जूनियरों एवं विद्यार्थियों के साथ पार्टी में शामिल होते हैं। पर्चा बनवाने के लिए लम्बी लाइन रहती है परन्तु कर्मचारी अपने में मस्त दिखाई देते हैं। कुल मिलाकर अनुशासन से परे दिखता है उक्त मेडिकल कॉलेज। यदि यही स्थिति रही तो यह मेडिकल कॉलेज आने वाले समय में समाज को कैसे चिकित्सकों को देगा। ऐसे मतें मरीजों को लाभ कैसे मिलेगा, यह चिन्ता का विषय बना हुआ है।