शिवमंगल अग्रहरि
चित्रकूट। श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिन भव्य कलश शोभायात्रा हाथी, घोड़ा, गाजे-बाजे के साथ मुख्य मार्गों में निकाली गई। कथा व्यास ने कहा कि भागवत सुनने मात्र से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है। मुख्यालय के तरौंहा स्थित रामलीला मैदान में राष्ट्रीय रामायण मेला के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष स्व राजेश करवरिया की पुण्यतिथि मंगलवार से श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ गाजे-बाजे, शोभायात्रा के साथ हुआ।
प्रथम दिवस पर भागवत कथा व्यास बदरी प्रपन्नाचार्य ने भागवत का महत्व बताते हुए कहा कि भागवत की कथा सुनने से जीवात्मा को शांति प्रदान होती है। इसके अलावा परिवार का कल्याण होता है।
यह कल्पवृक्ष के समान है। भगवान शिव ने पार्वती को पहली बार भागवत कथा सुनाया था। भोलेनाथ ने समस्त संसार को इस कथा के माध्यम से संदेश दिया कि मृत्यु को मंगलमय बनाती है। राजा परीक्षित को मृत्यु का जब भय सताने लगा तो वह शुकदेव के पास गए। उन्होंने 7 दिन तक भागवत कथा श्रवण कराया। छठवें दिन राजा परीक्षित को मृत्यु का भय दूर हो गया। सातवें दिन जब तक्षक नाग ने उन्हें डंसा तो उनकी मौत हो गई और जीवात्मा को दिव्य रथ से स्वर्ग ले जाया गया। कथा के बाद आरती व प्रसाद वितरित किया गया।
इस अवसर पर मुख्य यजमान पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष नीलम करवरिया, रामायण मेला के कार्यकारी अध्यक्ष प्रशांत करवरिया, प्रद्युम्न उर्फ लालू दुबे, राजाबाबू पांडेय, करुणाशंकर द्विवेदी, बार एसोसिएशन अध्यक्ष संजय करवरिया, माघेन्द्र द्विवेदी, आत्मा राम करवरिया, मनोज गर्ग, वेदरतन करवरिया, शैलेन्द्र करवरिया, इन्द्रदत्त गर्ग, राजेश भारद्वाज सहित तमाम लोग मौजूद रहे।




















