1 से 7 अगस्त तक मनाया जायेगा विश्व स्तनपान सप्ताह

मुकेश तिवारी
झांसी। अगस्त माह का प्रथम सप्ताह विश्व स्तनपान सप्ताह के रूप में मनाए जाने के शासन द्वारा दिए गए निर्देश के क्रम में जनपद स्तरीय अभिमुखीकरण कार्यशाला का आयोजन सीएमओ ऑफिस के सभागार में 31 जुलाई 2024 के सीएमओ डॉ. सुधाकर पांडेय की अध्यक्षता में किया गया। डॉ. सुधाकर पांडेय ने बताया कि शिशु के लिए स्तनपान सर्वोत्तम आहार तथा शिशु का मौलिक अधिकार है। मां का दूध शिशु के शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है। यह शिशु को डायरिया, निमोनिया एवं कुपोषण से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अत: यह आवश्यक है कि जन्म के तुरंत बाद अति शीघ्र 1 घंटे के भीतर नवजात को स्तनपान अवश्य प्रारंभ कराया जाए। 6 माह तक केवल मां का दूध दिया जाए। शिशु के 6 माह पूरे होने पर ऊपरी अनुपूरक आहार की शुरुआत स्तनपान के साथ की जाए। 2 वर्ष की आयु पूरी होने तक आहार के साथ स्तनपान जारी रखा जाए।
जनसमुदाय को जागरूक करने एवं स्तनपान कराने में माता को सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य से विश्व स्तनपान सप्ताह का आयोजन 1 अगस्त से 7 अगस्त 2024 तक किया जाएगा। नोडल अधिकारी एसीएमओ आरसीएच डॉ. एन के जैन ने बताया कि विश्व स्तनपान सप्ताह की ग्लोबल थीम क्लोजिंग द गैप ब्रेस्टफीडिंग सपोर्ट फॉर ऑल अर्थात अंतर को कम करना सभी के लिए स्तनपान सहायता रखी गई है। स्तनपान संकल्प है, विकल्प नहीं। चिकित्सालय/स्वास्थ्य केंद्र में होने वाले प्रसव में चिकित्सक, स्टाफ नर्स, एलएचवी, एएनएम, आशा द्वारा सभी लाभार्थी एवं परिवार जनों को स्तनपान के लिए परामर्श दिया जाएगा तथा सभी गर्भवती महिलाओं को स्तनपान के लाभ और प्रबंधन के बारे में जानकारी प्रदान की जाएगी। बच्चों के भूख के संकेत की पहचान कर शिशु की मांग पर स्तनपान कराने के लिए मां को प्रोत्साहित किया जाएगा। साथ ही सभी चिकित्सालय में लिखित स्तनपान नीति की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी एवं इस नीति को लागू करने के लिए सभी स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों का आवश्यकता अनुसार क्षमतावर्धन किया जाएगा।
स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी डॉ. विजयश्री शुक्ला ने बताया कि स्तनपान सप्ताह के अंतर्गत आशा व एएनएम द्वारा गर्भावस्था की तृतीय तिमाही के प्रारंभ से सभी गर्भवती महिलाओं को स्तनपान के लाभ, प्रसवोपरान्त स्तनपान की शुरुआत एवं स्तनपान के सही तरीके के विषय में जानकारी दी जाएगी। स्तनपान से नवजात शिशु को प्राप्त होने वाले लाभ के साथ ही मां को प्राप्त होने वाले लाभ जैसे- अधिक रक्तस्राव का ना होना, गर्भाशय व स्तन कैंसर से बचाव तथा शिशु के साथ मां का भावनात्मक लगाव के विषय में जानकारी दी जाएगी। कार्यशाला में एसीएमओ डॉ. एनके जैन, डॉ. केएन एम त्रिपाठी, डॉ. रविशंकर, एसीएमओ डॉ. रमाकांत स्वर्णकार, डीपीएम ऋषिराज सिंह, डीसीपीएम प्रशांत वर्मा, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी डॉ. विजयश्री शुक्ला, यूनिसेफ प्रतिनिधि सुनील चौधरी, अर्बन कोऑर्डिनेटर जियाउरहमान सहित सभी सीएचसी से अधीक्षक, नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, जनपद के सभी स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी, बीपीएम, बीसीपीएम व ब्लॉक अकाउंट मैनेजर आदि उपस्थित रहे।

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