मुकेश तिवारी झांसी। विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी कला संकाय, हिन्दी विभाग, पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, हिन्दुस्तानी अकादमी, प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) के सहयोग से तीन दिवसीय संगोष्ठी “हिन्दी साहित्य के विकास में बुन्देलखण्ड का योगदान” का आयोजन 03 से 04 अगस्त 2024 तक कर रहा है।
इस संगोष्ठी में देश के प्रबुद्ध वर्ग, विद्यार्थी और शोधार्थी सहभागिता कर रहे हैं। संगोष्ठी को प्रथम सत्र में हिन्दी साहित्य के विकास में बुन्देलखण्ड का योगदान विषय पर चर्चा की जाएगी। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में पवन पुत्र बादल, डीपी सिंह, पद्म अवध किशोर जडिया, प्रो चन्दन कुमार, प्रो संजीव दुबे, प्रो सत्यकेतु संकृत एवं प्रो पवन अग्रवाल चर्चा करेंगे।
दूसरे सत्र में आदिकाल और मध्यकाल में हिन्दी कविता के विकास में बुन्देलखण्ड का योगदान विषय पर चर्चा होगी। इसकी अध्यक्षता प्रो. पवन अग्रवाल करेंगे, इसके साथ ही साथ इस सत्र में प्रो. हितेंद्र मिश्र, प्रो. उमापति दीक्षित, प्रो. प्रभाकर सिंह, प्रो. मुक्तेश्वर तिवारी और प्रो. राजेश कुमार गर्ग अपना विचार व्यक्त करेंगे। तीसरे सत्र में हिन्दी गद्य साहित्य के विकास में बुन्देलखण्ड का योगदान विषय पर विचार विमर्श किया जाएगा। इसकी अध्यक्षता प्रो. देवेन्द्र जी करेंगे।
इस सत्र में प्रो. रचना विमल, संजय तिवारी, डॉ. अवधेश कुमार शुक्ल, प्रो. सिद्धार्थ शंकर, डॉ. गोपेश्वर दत्त पाण्डेय, प्रो. बलजीत श्रीवास्तव, डॉ. महेन्द्र प्रजापति, डॉ. गौरी त्रिपाठी, डॉ. विनोद कुमार द्विवेदी अपना मत व्यक्त करेंगे। कुलपति प्रो. मुकेश पाण्डेय एवं कुलसचिव विनय कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक राजबहादुर एवं वित्त अधिकारी प्रमोद कुमार सिंह के संरक्षण में इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम में कला संकाय के साथ ही साथ विश्वविद्यालय के सभी शिक्षक, कर्मचारी संलग्न हैं।
यह कार्यक्रम अभिविन्यास कार्यक्रम के रूप में भी आयोजित किया जा रहा है जिसमें नव प्रवेशित विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय की संस्कृति के बारे में परिचित कराया जाएगा। हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रो. मुन्ना तिवारी ने बताया कि पिछले 7 वर्षों से राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त के नाम पर यह सम्मान दिया जा रहा है। इस सम्मान को प्राप्त करने वालों में प्रसिद्ध साहित्यकार कन्हैया सिंह, मैत्रयी पुष्पा, पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल “निशंक”, पूर्व कुलपति सुरेंद्र दुबे का नाम शामिल है।
इस वर्ष यह सम्मान पद्मश्री अवध किशोर जड़िया को दिया जा रहा है। इसके साथ ही गीतों के जादूगर विष्णु सक्सेना, युवाओं के लोकप्रिय कवि निलोप्तल मृणाल और विनम्र सेन सिंह अपनी कविताओं से लोगों का मनोरंजन करेंगे। प्रेस वार्ता में डॉ. अचला पांडेय, डॉ. श्रीहरि त्रिपाठी और डॉ. बिपिन प्रसाद मौजूद रहे।