कोशिश जायसवाल
महराजगंज, रायबरेली। स्थानीय क्षेत्र में सरकारी जमीनों को भूमाफिया अपने कब्जे में किये हुए है। भूमाफियाओं के रसूख के आगे तहसील प्रशासन नतमस्तक नजर आ रहा हैं। एक के बाद एक सरकारी जमीनों को निशाना बना रहे रहे हैं और अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। ऐसा ही एक मामला बावन बुजुर्ग बल्ला गांव का है जहाँ सैकड़ों बीघा चारागाह होने के बावजूद भी सुरक्षित नहीं है।
जिसको लेकर बावन बुजुर्ग बल्ला के आधा ग्रामीणों ने तहसीलदार महराजगंज को शिकायती पत्र देकर सुरक्षित चारागाह भूमि दबंगो के चंगुल से खाली करवाने की मांग की है। तहसील क्षेत्र के अधिकतर ग्राम सभाओ में सुरक्षित चारागाह सैकड़ो बीघा अभिलेखों में दर्ज है लेकिन गोचर भूमि पर गांव के लोगो ने कब्ज़ा कर धान गेहूं की फसल ऊगा रहे है।
जबकि प्रदेश में योगी सरकार बनते ही इन सुरक्षित जमीनों को खाली करवाने के लिए सरकार ने अधिकारियों को सख्त हिदायत दी है लेकिन महज खानापूर्ति कर कागजो पर सुरक्षित जमीन खाली कराई गई है। जबकि आज भी सुरक्षित चारागाह जमीनों के अधिकतर हिस्से पर दबंग कब्जा जमाए बैठे हैं।
प्रशासन अगर सख्ती से इन जमीनों को खाली कराए तो एक बड़ी समस्या का समाधान हो सकता है। बानगी के लिए महराजगंज तहसील के बावन बुजुर्ग बल्ला में लगभग 100 बीघा सुरक्षित चारागाह कागजो पर मौजूद है जबकि कई बार तहसील की टीम ने गाटा संख्या 5524 व 5308 जो लगभग 25 से 30 बीघे का सुरक्षित चारागाह है जिसको पैमाइश कर दबंगों ले चंगुल से मुक्त कराया था। कुछ लोगो के खिलाफ मुक़दमा भी लिखा गया।
इतना ही नहीं गाटा संख्या 5308 सुरक्षित चारागाह में तीन लोगो को तीन तीन बीघे का आवंटन भी कर दिया गया जबकि सुरक्षित जमीन पर किसी प्रकार का आवंटन नहीं किया जा सकता लेकिन राजस्व विभाग के आलाधिकारियों ने चंद रुपयों की लालच के चलते सब कुछ सम्भव कर दिया और कब्ज़ा मुक्त कराई गयी चारागाह की भूमि फिर से दबंग किस्म के भूमाफियाओं ने जबरन कब्ज़ा कर फसल की बुआई कर डाली है। जबकि इसकी शिकायत ग्रामीणों ने हल्का लेखपाल से लेकर जिलाधिकारी तक से दर्जनों बार की गयी है लेकिन अब तक इस पर कोई कार्यवाही करने का जोखिम नहीं उठा रहा है।
कब्जा मुक्त कार्रवाई में प्रशासन फेल
चारागाह की जमीन से दबंगों का कब्जा हटवाने में प्रशासन सफल होता नजर नहीं आ रहा है। महराजगंज तहसील क्षेत्र के दर्जनों गावों में कब्जा होने की जानकारी प्रशासन को भी है लेकिन प्रशासन दबंगों से भूमि कब्जा मुक्त नहीं करा पा रहा है। जिस तरह से प्रशासन चारागाह की जमीन को लेकर उदासीन बना हुआ है। इससे यह तो साफ है कि दबंगों के आगे प्रशासन लाचार है।
कहां गया एण्टी भू माफिया अभियान
प्रदेश में योगी सरकार बनते ही एण्टी भू माफिया अभियान की शुरुआत की गई थी। अपनी पीठ थपथपाने को लेकर प्रशासन ने आनन फानन टीम गठित की और सुरक्षित जमीन पर कब्जों को चिह्नित कर उन्हें मुक्त कराने का काम भी शुरु किया लेकिन यह अभियान जिस गति से शुरू हुआ, उसी गति से इस पर ब्रेक भी लग गया। एण्टी भू माफिया अभियान लगातार चलाया जाता तो अब तक चारागाह व अन्य सुरक्षित जमीनों सहित अन्य कब्जों को भी मुक्त कराया जा सकता था।