विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने में पर्यटन की महत्वपूर्ण भूमिका: प्रो. मुकेश

  • एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ आयोजन

मुकेश तिवारी
झांसी। बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के होटल एवं प्रबंधन संस्थान द्वारा पर्यटन और आतिथ्य के समक्ष समसामयिक मुद्दे और चुनौतियाँ विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विभिन्न स्कूलों के छात्रों ने पर्यटन विषय पर आयोजित अनेक प्रतियोगिताओं में सहभागिता की।
कुलपति प्रो. मुकेश पाण्डेय ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि पर्यटन व्यवसाय का किसी भी राष्ट्र को आर्थिक रूप से सबल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत 3 ट्रिलियन इकोनामी है, जिसे 2027 तक 5 ट्रिलियन करने का लक्ष्य। 2047 विकसित भारत तक हमें इसे 30 ट्रिलियन तक ले जाना होगा। भारत में पर्यटन क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं। युवा शक्ति को रोजगार और स्वावलंबन के माध्यम से इस क्षेत्र में उपलब्ध चुनौतियों को अवसर में बदलने की जरूरत है।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता जेएनयू विश्वविद्यालय के प्रो. राजीव सिजारिया ने कहा कि आपदा के समय पर्यटन एवं अतिथ्य क्षेत्र में 67 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है। लेकिन यह भी सत्य है कि इसमें सफल व्यवसाय के लिए अफसर की भी कमी नहीं है। आज सांस्कृतिक, धार्मिक, आथित्य, कलिनरी, एडवेंचर, वैलनेस आदि अनेक क्षेत्र में पर्यटन में विशेष अवसर उपलब्ध हैं।
विशिष्ट वक्ता डायरेक्टर युवा टूरिज्म संदीप शुक्ला ने कहा कि भारत सरकार टूरिज्म में युवाओं की भागीदारी को लेकर सजग है। हम स्कूल और कॉलेज में पर्यटन क्लब के माध्यम से छात्रों को जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं। विशिष्ट वक्ता सह क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी, उत्तर प्रदेश पर्यटन, कीर्ति ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष जोर दिया जा रहा है।
एक्सप्रेसवे और हवाई अड्डों का जाल पूरे प्रदेश में उपलब्ध है। धार्मिक पर्यटकों की संख्या में आशातीत वृद्धि हुई है। इस अवसर पर कुलसचिव विनय कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक राज बहादुर, वरिष्ठ प्रो एसपी सिंह ने भी छात्रों को संबोधित किया। स्वागत उद्बोधन राष्ट्रीय संगोष्ठी संयोजक प्रो. देवेश निगम एवं आभार आयोजन सचिव डॉ. प्रणव भार्गव ने किया।
संचालन सतेंद्र चौधरी ने किया। आयोजित प्रतियोगिताओं के निर्णायक के रूप में डॉ. कौशल त्रिपाठी, डॉ. ईरा तिवारी, डॉ. शिल्पा मिश्रा, डॉ. शिप्रा सक्सैना, डॉ. श्वेता पांडे, डॉ. सुधीर द्विवेदी रहे। इस अवसर पर प्रो. अपर्णा राज, प्रो. सुनील काबिया, प्रो. प्रतीक अग्रवाल, प्रो. डीके भट्ट, प्रो. पूनम पुरी के साथ विभाग एवं विश्वविद्यालय के अनेक शिक्षक उपस्थित रहे।

 

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