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हिन्दी कविता के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण योगदान: डा. संदीप
मुकेश तिवारी
झांसी। अखिल भारतीय गहोई वैश्य प्रगति मंच झाँसी के तत्वावधान में राष्ट्रकवि मैथली शरण गुप्त की जयंती पर शोभायात्रा का आयोजन हुआ जहां सभी सामाजिक बन्धु सम्मिलित रहे। इस शोभायात्रा में विभिन्न विद्यालयों के सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने अपने बैनर, स्वरूप व झांकियों के साथ शामिल होकर कार्यक्रम को आकर्षित बनाने में अपना पूर्ण सहयोग प्रदान किया।
शोभायात्रा के मार्ग में स्वागत द्वार, पुष्प वर्षा एवं विद्यालयों के बच्चों को जल, फल व उपहार वितरित किए गए। शोभायात्रा का प्रारम्भ डीजे, बैण्ड के साथ रानी महल से प्रातः 9 बजे हुआ जो सुभाषगंज, गांधी रोड, बड़ा बाजार, मालिनों चौराहा, बिसाती बाजार, गंधीगर का टपरा से टकसाल गहोई धर्मशाला पर समाप्त हुई। समापन पर सभी स्वल्पाहार वितरित किया गया।
यात्रा के समापन पर सैकड़ों की संख्या में लोग झाँसी दुर्ग के समीप स्थित मैथिलीशरण गुप्त पार्क पहुंचे जहां सभी ने राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की मूर्ति पर माल्यार्पण किया तथा सभी ने गगनचुम्बी नारों के साथ दद्दा मैथिलीशरण गुप्त अमर रहे के जयकारे लगाये। इस दौरान डॉ संदीप ने कहा कि खड़ी बोली के सर्वश्रेष्ठ कवि मैथिली शरण गुप्त जिन्होंने हिंदी कविता के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
उनकी कविताओं में पवित्रता, नैतिकता और परंपरागत मानवीय सम्बन्धों की रक्षा की व्याख्या झलकती है। हमारे जनपद में ही जन्म लेकर उन्होंने पूरे विश्व में वैश्य वर्ग का सम्मान बढ़ाया है। मैथिली शरण गुप्त के जन्म दिवस को कवि दिवस के रूप में मनाया जाता है। देश में बड़े-बड़े साहित्यकार और रचनाकार हुए लेकिन यह सम्मान गुप्त जी को मिलना गौरव का विषय है।
इस अवसर पर गहोई वैश्य पंचायत से अध्यक्ष राम प्रकाश नाछौला, महामंत्री नितिन सरावगी एवं पंच प्रकाश गुप्ता, राजू रक्सा, कमलेश सेठ रज्जू, ओम प्रकाश विशवारी, संजीव सोनी, अमित सेठ, रमेश गुप्ता, केदारनाथ पहारिया, हरिओम गुप्ता, राजेन्द्र गुप्ता, अरूण गुप्ता, बृजेश बड़ोनिया, संजय डेंगरे, उमेश गुप्ता, प्रदीप नगरिया, अशोक बरसईया, राजेंद्र गेड़ा, विशाल गुप्ता, राधेश्याम नीखरा, ओम प्रकाश खांगट, कुंज बिहारी सांवला, अनिल पटवारी एवं संघर्ष सेवा समिति से आशीष विश्वकर्मा, अरुण पांचाल, संदीप नामदेव, अनुज प्रताप सिंह सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।