महिलाओं को शिशु स्तनपान के बारे में किया गया जागरूक

राघवेन्द्र पाण्डेय
अमेठी। जनपद के विकासखंड भादर की ग्राम सभा बहादुरपुर में जिला अधिकारी अमेठी निशा अनंत तथा प्रवीना शुक्ला उपयुक्त स्वत रोजगार ग्रामीण आजीविका मिशन के आदेशानुसार तथा एडीओ आईएसबी भादर आर टी वर्मा तथा बीएमएम प्रदीप सिंह व रिचा मैम के निर्देशन में रविवार को शिव स्वयं सहायता समूह की बैठक आयोजित की गई। समूह सखी सीता देवी ने उपस्थित महिलाओं को शिशु स्तनपान के बारे में जागरूक किया।उन्होंने बताया कि 1 से 7 अगस्त तक पूरे देश में स्तनपान सप्ताह के रूप में मनाया जाता है। इस सप्ताह स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर स्तनपान के संबंध में जागरूक करने के लिए अभियान चलाती है।

डॉक्टरों का मानना है कि शिशु के जन्म के 1 घंटे के भीतर शिशु को स्तनपान कराया जाए तो हजारों नवजातों को मरने से बचाया जा सकता है। शिशु को 6 माह तक मां का दूध दिया जाना बेहद जरूरी है। मां के दूध में सभी पोषक तत्व बिलकुल सही अनुपात में होते हैं। शिशु को मां का दूध जल्दी और आसानी से पचता है। मां का दूध शिशु के मस्तिष्क विकास में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करता है। शिशु को मां के दूध में प्रोटीन, वसा, कैलोरी, लैक्टोज, विटामिन, लोहा, पानी पर्याप्त मात्रा में प्राप्त होते है। मां का दूध शिशु में बीमारी से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है। मां का दूध संक्रमण से मुक्त होता है। स्तनपान से शिशु और मां के बीच भावनात्मक संबंध भी मजबूत होते हैं।

  • स्तनपान कराने से मां को होने वाले लाभ

स्तनपान कराने से स्तन कैंसर की संभावना कम होती है। शिशु को स्तनपान कराने से प्रसव से पहले खून बहना और एनीमिया की संभावना को कम करता है। स्तनपान कराने से मां को अपनी पुरानी शारीरिक संरचना प्राप्त करने में सहायता करता है और स्तनपान कराने वाली माताओं के बीच मोटापा सामान्यतः कम पाया जाता है। शिशु को स्तनपान कराने से शिशु की मृत्यु दर को को कम करता है। मां को शिशु को दो वर्ष से अधिक समय तक स्तनपान कराना जारी रखना चाहिए। बोतल से दूध पिलाना शिशु के लिए हानिकारक हो सकता है। शिशु को डायरिया बीमारी से ग्रस्त कर सकता है। स्तनपान कराने के दौरान धूम्रपान अथवा शराब का सेवन न करें।

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