गोविन्द वर्मा
बाराबंकी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट स्वच्छ भारत मिशन को उनके ही लोग पलीता लगाने पर तुले हुए हैं। भारतीय जनता पार्टी द्वारा वर्तमान समय में सेवा पखवाड़ा के तहत लोगों को स्वच्छता का संदेश देने का सफल अभिनय किया जा रहा है।
अधिकारी कर्मचारी की कौन कहे जनप्रतिनिधियों द्वारा भी सफाई का ढोंग कर जनता को बहलाया जा रहा है। इसका प्रत्यक्ष नजारा जिला पंचायत कार्यालय में साफ तौर पर देखा गया। सेवा पखवाड़ा की बात सुन जिला पंचायत अध्यक्ष राजरानी रावत के साथ ही अधिकारी एवं कर्मचारी भी स्वच्छता अभियान में शामिल होने के लिए व्याकुल हो उठे।
फिर क्या हुआ, आनन—फानन में चमचमाते हुए नए झाड़ू हाजिर किए गए। जब सफाई करने वाले नामी—गिरामी लोग हो तो भला पुराना झाड़ू, उसमें कैसे शामिल हो सकता था। जिले के प्रथम नागरिक कहे जाने वाले जिला पंचायत अध्यक्ष के साथ ही अधिकारियों ने हाथों में झाड़ू पकड़कर एक खूबसूरत तस्वीर खिंचवाते हुए अपने दायित्वों का निर्वहन किया।
पहले से ही चमचमाती हुई फर्श पर झाड़ू के साथ फोटो खिंचवाने वाले जनप्रतिनिधि देश के प्रधानमंत्री को गुमराह करने पर तुले हुए हैं। हद तो यह है कि पेड़ का सूखा पत्ता थैले में डालने के लिए इस तरह उठाया जा रहा था। जैसे वह कई कुंतल का है।