गोविन्द वर्मा
बाराबंकी। प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यशैली से क्षुब्ध बिल्डर नौशाद आलम का दर्द मीडिया के सामने छलक पड़ा। अपने वकील पवन वैश्य के आवास पर पत्रकारों से मुखातिब होते हुए उन्होंने अपनी व्यथा सुनाई। जिला प्रशासन के तानाशाही रवैए की दास्तान सुनाते वक्त वह काफी आहत नजर आये। उन्होंने बताया कि नगर के मोहल्ला घोसियाना स्थित एक प्लाट को लेकर अधिकारियों ने उन पर मुकदमा दर्ज कराया है।
प्रशासनिक अधिकारियों की मनमानी पर अपना पक्ष रखते हुए उन्होंने बताया कि वर्ष 2016 में उनके द्वारा 1943.42 वर्गमी का एक प्लाट घोसियाना मोहल्ले में खरीदा गया था। 50 लाख कीमत वाले इस प्लाट का एग्रीमेंट उपनिबंधक कार्यालय नवाबगंज में हुआ था।
27 सितम्बर 2016 को कार्यालय की बही संख्या 1 जिल्द संख्या 10052 में पृष्ठ संख्या 29 से 62 तक क्रमांक 17005 पर उसे अंकित किया गया था। नौशाद के मुताबिक तीन साल बाद उन्हें जब पता चला कि यह जमीन विवादित है तो उन्होंने अपना एग्रीमेंट खारिज कर दिया था।यह मामला कार्यालय में बही संख्या 1 जिल्द संख्या 12686 में पृष्ठ संख्या 25 से 38 तक क्रमांक 19741 पर 27 नवम्बर 2019 को दर्ज किया जा चुका है।
इनका कहना था कि जब उस जमीन से मेरा कोई मतलब नहीं रह गया तो फिर प्रशासन द्वारा मेरे ऊपर दर्ज कराया गया मुकदमा फर्जी है। प्रशासन से उनकी दुश्मनी को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि आखिर अधिकारी मुझसे चाहते क्या हैं। उनके द्वारा अधिकारियों की तानाशाही के इस मामले को लेकर उच्च न्यायालय जाने की बात कही गई है।