हम प्यारे तिरंगे को झुकने नहीं देंगे,
अपने प्रगति प्रयास को रुकने नहीं देंगे।
आतंकियों गद्दारों सुन लो कान खोलके
हाथों तुम्हारे देश को लुटने नहीं देंगे।।
हम देश को अपने कभी बटने नहीं देंगे,
सद्भाव प्रेम आपसी घटने नहीं देंगे।
तुम लाख जतन कर लो कसम हमने खाई है
कश्मीर को भारत से कटने नहीं देंगे।
डा. प्रमोद वाचस्पति ‘सलिल जौनपुरी’