चन्दन अग्रहरि
शाहगंज, जौनपुर। सुइथाकला क्षेत्र के बसिरहां गांव में पशु पालक उस समय हैरान रह गए जब पशु चिकित्सक द्वारा भैंस के बंद गोबर का उसके पेट में महज पाइप डालकर उपचार किया गया। संक्रमण से बचाव के लिए चिकित्सक द्वारा पशु पालक को आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया। इस दौरान भैंस के पेट से कई लीटर बदबूदार चारा और पानी निकाला गया।
मालूम हो कि उक्त गांव निवासी पशुपालक दीप नारायण बिंद की भैंस के गोबर का रास्ता बंद हो गया था जिसके कारण भैंस का चारा पानी बंद होने के साथ ही पेट में सूजन हो गई। चारा मुंह से वापस आने लगा था। तमाम प्रयासों के बाद पशु पालक अढ़नपुर स्थित राजकीय पशु चिकित्सालय पर तैनात रहे पशु चिकित्साधिकारी डा. आलोक सिंह पालीवाल से सम्पर्क किया।
चिकित्सक ने महज पाइप द्वारा भैंस के बंद पड़े गोबर का सफलतापूर्वक उपचार कर सभी को हतप्रभ कर दिया। तत्पश्चात सतर्कतावश आवश्यक उपाचार के साथ ही पशु पालक को दिशा निर्देश के दौरान पशु चिकित्सक ने बताया कि पशुओं में कीड़े की दवा समय पर न देने से इस तरह की समस्या पशुओं में पैदा हो जाती है।
पशुपालक किसी भी तरह की दवा पशुओं को बगैर पशु चिकित्सक के परामर्श के न दें। फिलहाल इस तरह का पहली बार उपचार देख पशु पालक हैरान रह गये। इस अवसर पर पशु मित्र श्रीपाल यादव, कृष्णा प्रजापति सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।