सत्य व अहिंसा थी महात्मा गांधी की ताकत: गोपाल कृष्ण

देवी प्रसाद शर्मा
आजमगढ़। करतालपुर स्थित जीडी ग्लोबल स्कूल में महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री जयंती मनाई गयी। विद्यालय की निदेशिका श्रीमती स्वाती अग्रवाल, प्रबंधक गौरव अग्रवाल, कार्यकारी निदेशक श्रीश अग्रवाल तथा उपप्रधानाचार्या श्रीमती मधु पाठक ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया तथा उनके व्यक्तित्व और कृतित्व से प्रेरणा लेने की सीख दी।
विद्यालय के अध्यापकों ने इस अवसर पर महापुरूषों के अविस्मरणीय योगदान को याद किया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को स्मरण करते हुए इतिहास विषय के प्रवक्ता गोपाल कृष्ण त्रिपाठी ने बताया कि महात्मा गांधी की ताकत सत्य और अहिंसा थी।
उन्होंने हमेशा सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलने की सीख दी। महात्मा गांधी ने इस रास्ते पर चलकर अंग्रेजों से लोहा लेते हुए देश को आजाद कराया था। गांधी जी ने कई आंदोलनों के भी नेता बने। असहयोग आंदोलन, सत्याग्रह, दांडी मार्च और भारत छोड़ो आंदोलन, गांधी जी के इन सभी आंदोलनों ने भारत में अंग्रेजी हुकूमत की नींव हिला दी।
वे दूरदर्शी थे जो देश को प्रगति के मार्ग पर लेकर आये। लाल बहादुर शास्त्री महात्मा गांधी के राजनीतिक शिक्षाओं से अत्यंत प्रभावित थे। अपने गुरु महात्मा गाँधी के ही लहजे में एक बार उन्होंने कहा था – “मेहनत प्रार्थना करने के समान है।” महात्मा गांधी के समान विचार रखने वाले लाल बहादुर शास्त्री भारतीय संस्कृति की श्रेष्ठ पहचान हैं।
कार्यक्रम के समापन पर विद्यालय की निदेशिका श्रीमती स्वाति अग्रवाल ने कहा कि शास्त्री जी की एक सबसे बड़ी विशेषता थी कि ‘वे एक सामान्य परिवार में पैदा हुए थे, सामान्य परिवार में ही उनकी परवरिश हुई और जब वे देश के प्रधानमंत्री जैसे महत्त्वपूर्ण पद पर पहुंचे, तब भी वह सामान्य ही बने रहे। विनम्रता सादगी और सरलता उनके व्यक्तित्व में एक विचित्र प्रकार का आकर्षण पैदा करती थी।
विद्यालय के प्रबंधक श्री गौरव अग्रवाल ने महात्मा गांधी जी के व्यक्तित्व की महत्ता बताते हुए कहा‌ कि सत्य के बारे में उन्हें अटूट श्रद्धा थी और उस सत्य को पाने के लिए वे अहिंसक पुरुषार्थ करते थे‌। सत्य-अहिंसा गांधीजी के जीवन मन्त्र थे। श्रद्धा और पुरुषार्थ दोनों के मेल पर उनका जीवन आधारित था। सामान्यतया गांधीजी शास्त्र-वचनों का सम्मान करते थे क्यों कि वे यह मानते थे कि इनके पीछे ऋषि मुनियों का चिंतन मनन और अनुभव है।
कार्यकारी निदेशक श्रीश अग्रवाल ने महापुरूषों के जीवन से प्रेरणा लेने की सीख देते हुए कहा कि अहिंसा, सत्य, विनम्रता और समावेशिता की विशेषता वाले महात्मा गांधी के नेतृत्व ने विश्व समुदाय को प्रभावित किया है। विद्यालय की उपप्रधानाचार्या श्रीमती मधु पाठक ने सत्य और अहिंसा के मार्गों के अनुसरण पर बल देते हुए कहा कि आज के दिन न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया उन्हें नमन कर श्रद्धांजलि अर्पित कर रही है।
बापू जी के योगदान को याद कर उनके विचारों को जीवन में उतारने का संकल्प लेने का यह अवसर है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के सादगी भरे जीवन ने पूरे विश्व को शांति और अहिंसा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। विद्यालय की को-आर्डिनेटर श्रीमती सुमन यादव ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

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