रूपा गोयल
बांदा। हमें अपने मां-बाप और अपने से बड़ों का अदब (सम्मान) करना चाहिए। खुद को गलत रास्ते से बचाना चाहिए। जरूरतमंद की मदद करना चाहिए। हमारे नबी हजरत मोहम्मद साहब ने हमें यही पैगाम दिया।
बीती रात गुलाब बाग में आयोजित जलसे में भागलपुर (बिहार) से आए मौलाना सैयद मसरूर राजी ने अपने बयान में कही। गुलाब बाग में अंजुमने वारसी कमेटी द्वारा आयोजित 9वें जलसे की शुरुआत कारी सिराज रब्बानी ने तिलावते कुरान से की। सैयद गौहर रब्बानी ने पैगंबर ए इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब की यौमें पैदाइश पर बयान किया।
कारी अब्दुल रहमान ने नात पढ़ी— तेरी नस्ले पाक में है बच्चा बच्चा नूर का, तू है अएने नूर तेरा सब घराना नूर का, एजाज रजा (फतेहपुरी) ने नात पड़ी, एय जहरा के बाबा सुने इल्तिजा, मदीना दिखा दीजिए! कैफुद्दीन रब्बानी, सैफ मसूदी, कारी मोहसिन, कारी आफाक, नूर मोहम्मद मजहरी, अंसर रब्बानी, कारी नूर मोहम्मद शोएब रजा वारसी ने भी नात पढ़ी।
अध्यक्षता मौलाना खुश्तर रब्बानी एवं संचालन सैयद गुफरान रब्बानी और कैफ रजा इलाहाबादी ने संयुक्त रूप से किया। देर रात तक चले जलसे में बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। मौलाना खुश्तर रब्बानी की दुआ और सलातों सलाम के साथ जलसे का समापन हुआ।
इस अवसर पर शहजाद हुसैन वारसी, रफीक अहमद वारसी, डा. अनीस अहमद, डा. करीम रहमानी, राहत अली, अब्दुल खालिक, सैयद इस्लामुद्दीन वारसी, मोहम्मद इमरान, आदिल अहमद राज, सैयद निसार अली, जकी वारसी, मोहम्मद सरफराज खान, हाजी चांद मियां, इकराम फारुकी, शमीम खान समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।