शिवमंगल अग्रहरि
चित्रकूट। शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन देवी पंडालों और देवी मंदिरों में सुबह से ही देवी भक्तों का जमावडा लगना शुरू हो गया। साथ ही देर दोपहर तक पूजा पाठ का सिलसिला चलता रहा।
नेशनल हाईवे तथा रामनगर ब्लॉक मुख्यालय से 9 किलोमीटर की दूरी पर लोरी गांव के पहाड की चोटी पर विराजमान कालका देवी का प्राचीनतम मंदिर है। इस मंदिर में क्षेत्र तथा क्षेत्र के बाहर के लोग पूजा पाठ करने के लिए आते हैं। मंदिर में विराजमान कालका देवी की प्राचीन मूर्ति है।
मंदिर में एक दर्जन से भी अधिक मूर्तियां स्थापित है। जिनमें कई प्रतिमाएं विखंडित है। गांव के प्रधान पति अरुण कुमार सिंह व मंदिर के पुजारी गोरेलाल ने बताया कि प्राचीन समय पर मंदिर में 26 प्रतिमाएं 64 कलाओं से परिपूर्ण विराजमान थी, जिन्हें औरंगजेब ने तुडवा दिया था।
केवल तीन प्रतिमाएं वह नहीं तोड पाया था। जिसमें दो प्रतिमाएं 30 वर्ष पहले अज्ञात चोर चोरी करके ले गए थे, एक प्रतिमा को पुलिस ने चोरों से पकडकर बरामद कर लिया था। जिसे मंदिर बनवाकर स्थापित करा दिया गया था। मां कालका मंदिर में नवरात्रि में सुबह से ही भक्तों का आने का सिलसिला शुरू हो जाता है।
देवी भक्तों द्वारा मनोकामना पूर्ण होने पर कन्या भोज एवं भंडारे का आयोजन किया जाता है। मंदिर में देर रात तक भजन कीर्तन का कार्यक्रम चलता रहता है। मंदिर में नवरात्रि के नौ दिनों तक कन्या भोज एवं भंडारे का आयोजन होता है। प्रधानपति अरूण कुमार सिंह उर्फ मुन्ना भैया ने बताया कि मन्दिर में हमेशा भक्तों के आने जाने का सिलसिला लगा रहता है।
भक्तों के सुविधा के लिए मन्दिर के परिक्रमा मार्ग में इंटरलॉकिंग की व्यवस्था करवा दी गई है। साथ ही रोशनी, पेयजल और छाया की अस्थाई व्यवस्था कर दिया गया है। इस शारदीय नवरात्रि में भागवत कथा महापुराण का आयोजन भी किया गया है।