डीएम की अध्यक्षता में हुई जनपद स्तरीय उर्वरक समिति की बैठक

राघवेन्द्र पाण्डेय
अमेठी। जिलाधिकारी निशा अनंत की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में अधिकारियों तथा थोक उर्वरक विक्रेताओ एवं उर्वरक कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ जनपद स्तरीय उर्वरक समिति की समीक्षा बैठक हुई जहां उन्होंने जनपद में उर्वरकों की उपलब्धता व वितरण के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा निर्देश दिया।
इसके आलावा दानेदार उर्वरकों के साथ 25% नैनो उर्वरक देने हेतु कहा गया तथा ग्राम, ब्लाक, तहसील स्तरीय कार्यक्रम कर नैनो उर्वरकों के प्रचार प्रसार हेतु उप कृषि निदेशक, जिला कृषि अधिकारी, सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता, कम्पनी प्रतिनिधियों को निर्देशित किया तथा नैनो उर्वरकों के उपयोग को आसान बनाने हेतु जैसे स्प्रयेर मशीन, ड्रोन इत्यादि की जानकारी प्राप्त कर उपयोग बढ़ाने हेतु बताया गया तथा जनपद में अधिक नैनो उर्वरक उपयोग करने वाले किसानों को चिन्हित कर प्रोत्साहित किये जाने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
बैठक में इफको क्षेत्राधिकारी शिशु पाल द्वारा इफको नैनो उर्वरकों के बारे में जानकारी दी कि कैसे नैनो उर्वरक दानेदार उर्वरकों के अच्छे विकल्प के रूप में कारगर साबित होंगे। नैनो उर्वरक करीब 50% दानेदार उर्वरक की बचत कर सकते हैं जिससे किसानों की उन पर होने वाली निर्भरता कम कर खेती में कम लागत पर गुणवत्तापूर्ण उपज ले सकते हैं।
नैनो उर्वरक पारंपरिक यूरिया (267 रुपये प्रति बोरी)/ डीएपी (1350 रुपये प्रति बोरी) से सस्ता नैनो यूरिया प्लस 225 रुपये/500 ML बोतल, नैनो डीएपी 600 रुपये /500 ML बोतल क्रमश: 42 रुपये एवं 750 रुपये की सीधे किसानों की बचत करता है। नैनो डीएपी (तरल) से गेहूं चना, सरसो, आलू गन्ना बीज एवं पौध उपचार करने पर बीज अंकुरण में वृद्धि एवं जड़ क्षेत्र का अधिक विकास सभी फसलों के लिए उपयोगी पैदावार में करें बढोत्तरी
नैनो डीएपी (तरल) का बीज उपचार में 5ML प्रति किलो ग्राम बीज की दर से करे एवं उपचारित बीजों को 20 से 30 मिनट तक छांव में सुखाने के उपरांत ही बुवाई करें। रोपाई वाली फसलों के लिए 5 ML नैनो नैनो डीएपी (तरल) को प्रति लीटर पानी में घोल बना लें। जड़ों को 30 मिनट तक डुबो का रखें। जड़ उपचार के बाद खेत में यथाशीघ्र प्रत्यारोपित कर दें।
नैनो डीएपी (तरल) का 2-4 ML प्रति लीटर घोल बनाकर पत्तियों पर छिडकाव करें। लम्बी अवधि वाली फसलों पर फूल आने से पहले एक बार और छिडकाव करें। उसी नैनो यूरिया प्लस (तरल) को 4 ML प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर फसलों की वानस्पतिक अवस्था (कल्ले/शाखा बनते समय) एवं फूल निकलने से पहले वाली अवस्था पर छिडकाव करें। जनपद में इफको की ओर से किसानों को काफी कम दामों पर स्प्रेयरर मशीन उपलब्ध कराया जा रही हैं।

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