कहा— कार्यशैली में परिवर्तन लायें, अन्यथा कार्यवाही के लिये तैयार रहें
जौनपुर। चकबंदी आयुक्त उत्तर प्रदेश लखनऊ भानु चन्द्र गोस्वामी ने कलेक्ट्रेट सभागार में चकबंदी विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक की जहां जनपद के कार्यों की समीक्षा करते हुए उन्होंने निर्देशित किया कि माइक्रो प्लान बनाते हुए लंबित चकबंदी प्रक्रिया का कार्य पूर्ण किया जाए। सभी अधिकारी अपने कार्यशैली में परिवर्तन लायें, अन्यथा कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
एक-एक गांव की समीक्षा पृथक रूप से की जाएगी।
चकबंदी आयुक्त ने सभी एसीओ को निर्देशित किया कि जिन मुकदमों में समझौता नहीं हुआ है, उन्हें 15 दिन के भीतर वाद के रूप में पंजीकृत करायें, अन्यथा कार्यवाही के लिए तैयार रहे। निर्देशित किया कि सभी संबंधित अधिकारी प्रारूप और पोर्टल पर फीडिंग समय से करा दें। एसओसी और सीओ को निर्देशित किया कि 15 नवंबर तक सभी वाद प्रत्येक दशा में पंजीकृत करा ले।
एसीओ स्तर पर मुकदमो की फीडिंग न कराए जाने पर नाराजगी व्यक्त की। निर्देश दिया कि मानीकला में अभिलेखो से छेड़छाड़ करने वालों पर कार्यवाही करें। 14 नवंबर को जौनपुर के सभी हाई कोर्ट के लंबित मुकदमों की समीक्षा की जाएगी। सख्त निर्देशित किया कि जिन गांवों का धारा 52 लम्बित है, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित करायें।
इस दौरान उन्होंने जौनपुर के साथ ही वाराणसी, चन्दौली, मिर्जापुर, आजमगढ़, गाजीपुर के चकबन्दी कार्यों की समीक्षा करते हुये उन्होंने फसल कटाई के दौरान धारा 7 व 8 को पूर्ण करने के निर्देश दिये।
चकबंदी के अधीन गांव में चक सम्बन्धी कार्य करने, धारा 10 पूर्ण करने के निर्देश दिये, वादों के संदर्भ में जानकारी ली तथा प्राप्त आपत्तियों के सन्दर्भ में उन्होंने कहा कि इनका निस्तारण प्राथमिकता पर रखकर किया जाय, अन्यथा वाद के रूप में पंजीकृत किया जाय। डी0डी0सी चकबन्दी को निर्देशित किया कि कार्य योजना बनाकर मार्च 2025 तक वर्ष 2020 से पहले तक के सभी वादों का निस्तारण कराना सुनिश्चित करें।
उन्होंने सख्त निर्देश दिया कि चकबंदी प्रक्रिया में व्याप्त विसंगतियों को दूर करें। चकबंदी के अंतर्गत गांव में लंबे समय से चल रहे मुकदमों की वजह की भी जानकारी ली। जिन भी गांव में जो भी कार्य हो रहे हैं, उन्हें उचित प्रारूप में भरा जाए। कानूनगो की कमी पर वाराणसी में कानूनगो को संबद्ध कर कार्य पूर्ण कराने के निर्देश दिये।
गांव में समय पर चक न काटे जाने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुये कार्यशैली को बदलने के निर्देश दिये तथा काम को लटका कर न रखने के भी निर्देश दिए। अभिलेखों के मिलान के कारण काम न रोके जाएं।
इस दौरान आयुक्त चकबंदी ने धारा 7 भू-चित्र का पुनरीक्षण के संदर्भ में बंदोबस्त अधिकारी चंदौली को निर्देशित किया कि समिति का गठन करते हुए गाटावर सूची उपलब्ध कराएं।
धारा 8 पड़ताल स्तर, धारा 9 विनिमय अनुपात निर्धारण के अंतर्गत अवशेष भरे हुए प्रारूप को पूर्ण करने के निर्देश दिए तथा सूचना अद्यतन रूप में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। प्रारूप 4 के अंतर्गत सीओ, एसीओ स्तर से संबंधित मुकदमों के संदर्भ में जानकारी ली। धारा 27, धारा 24 कब्जा परिवर्तन हेतु सत्यापन के लिए लंबित प्रकरण की समीक्षा की। समीक्षा बैठक में जनपद चंदौली में चकबंदी में अच्छा कार्य कराए जाने पर प्रशस्ति पत्र देने के निर्देश दिये।
इस अवसर पर जिलाधिकारी दिनेश चन्द्र, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व राम अक्षयबर चौहान, संयुक्त संचालक सचिव मुधसूदन दूबे, सीआरओ मिर्जापुर, आजमगढ़, समस्त एसओसी बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी सहित अन्य उपस्थित रहे।