रूपा गोयल बांदा। तहसील बबेरू अंतर्गत ग्राम शिव में नहर विभाग मवई माइनर से किसानों की फसलों को जलभराव करके धान की लगभग 500 बीघा की फसल पूरी तरह से हुई चौपट किसान भुखमरी के कगार पर पहुंच रहे हैं।
किसानों ने अपने स्तर से कई बार संबंधित विभागीय व उच्च अधिकारियों को पत्र देकर गुहार लगाया लेकिन किसी ने नहीं सुनी तब शिव ग्राम के किसानों ने समाजसेवी पीसी पटेल जनसेवक को अवगत कराया। समाजसेवी पीसी पटेल तत्काल शिव ग्राम के खेतों में पहुंचकर मौके पर खेतों पर हिल करके हकीकत देखी।
वहीं मीडिया को बताया कि नहर की जो सिल्ट सफाई की जाती है, उस पर घोर लापरवाही व भ्रष्टाचार किया गया है जिसके कारण माइनर मवई में छोड़ा गया जल नहर के ऊपर से उफान हो गया। लगभग 3 फिट से ऊपर किसानों की पकी धान की फसल को चौपट कर दिया। इतना ही नहीं, पका धान पानी में पडने से पुनः उसमें जन्म हो गया और बेड़ उग गई। इससे किसान पूरी तरह चौपट और बर्बाद हो चुका है।
समाजसेवी पीसी पटेल जनसेवक कुछ जमा धान को लेकर संपूर्ण समाधान दिवस तहसील दिवस बबेरू पहुंचकर समस्त कर्मचारियों एवं अधिकारियों से मिलकर किसानो की बर्बाद हुई धान की फसल की सर्वे करते हुए उचित मुआवजा दिलाए जाने के लिए आग्रह निवेदन किया।
मीडिया को बताया कि यदि अब भी लापरवाही की जाती है। अधिकारियों की ओर से तो बड़ी संख्या में किसानों को लेकर जिलाधिकारी मुख्यालय पहुंचेंगे और अपनी मांगों को रखेंगे फिर भी किसानों को मुआवजा नहीं मिलता तो मजबूरन ग्राम शिव और मावई के किसानों के साथ समाजसेवी पीसी पटेल वह हर कदम उठाएंगे जो किसान हित में होंगे।
हालांकि संपूर्ण समाधान में उपस्थित अधिकारियों ने तत्काल नहर विभाग व राजस्व कर्मचारियों को निर्देशित किया कि तत्काल मौके में पहुंचे, वहां की स्थिति देखें स्थिति देखकर रिपोर्ट देने की बात कही है जिससे किसानों को उनके नुकसान के भरपाई की जाय।
इस मौके पर समाजसेवी ने कहा कि अधिकारियों की कहीं न कहीं मिलीभगत है जिसके कारण नहर सिर्फ सफाई में बड़ा भ्रष्टाचार सामने आया है। यदि शील्ड सफाई पूर्णता मानक अनुसार हो जाती तो आज किसानों की यह फसलों का नुकसान नहीं होता धान की फसल का नुकसान तो हो ही गया लेकिन अभी आगे आने वाली फसलों के लिए खेतों में जब दो-दो मीटर पानी भरा है तो उम्मीद नहीं लगाई जा सकती।
समाजसेवी ने जिलाधिकारी संबंधित अधिकारियों सहित जनप्रतिनिधियों व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश से गुहार लगाई है कि टाट क्रम में तत्काल समिति गठित कर जांच कराई जाए और उन किसानों को तत्काल मुआवजा उपलब्ध कराया जाय। यदि मुआवजा जल्द नहीं मिलता तो समाज से भी पीसी पटेल व साइकोग्राफ ग्रामीण मजबूर होकर अनशन आंदोलन केलिए बाध्य होंगे।