Jaunpur: अनुराग हत्याकाण्ड का ग्राउण्ड रिपोर्ट

  • मृतक के परिवार को हत्यारे के घर के ध्वस्तीकरण के कार्यवाही की प्रतीक्षा

  • घटना के एक सप्ताह बाद भी गम के साये में है परिवार

  • बदहवास मां के आंसू थमने का नहीं ले रहा नाम

  • मृतक के परिजनों को सांत्वना देने वालों का लग रहा तांता

अरविन्द यादव
केराकत/गौराबादशाहपुर, जौनपुर। मां की गोदी में एक निष्प्राण शरीर की धड़ रखी थी जिसके माथे को वह हौले-हौले सहला रही थी। ‘‘मेरा बेटा, राजा बेटा, आंखें खोलो बेटा’’ निष्प्राण शरीर की धड़ में माॅ के स्पर्श का कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा था। माॅ ने लोरी गानी शुरू कर दी थी ‘‘उठ जा राजदुलारे, मेरा प्यारा बेटा, उठ जा बेटा’’ देह खामोश थी, सारा वातावरण खामोश था।
चारों ओर जमा भीड़ द्रवित मन से सारा दृश्य देख रही थी।

 

किसी की हिम्मत नहीं हो रही थी कि वह उस निष्प्राण शरीर की धड़ को अंतिम संस्कार के लिए मां की गोद से उठा सके। जिसने इस दृश्य को देखा, उसका कलेजा सिहर उठा। बदहवास माँ के गोद में अपने मृत पड़े बेटे के धड़ को सीने से लगाकर चीखती—बिलखती मां की तस्वीर पिछले 5 दिनों से सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। वायरल तस्वीर हर किसी को विचलित कर देने वाली है।

बता दें कि दीपावली के एक दिन पूर्व केराकत तहसील के गौराबादशाहपुर थाना अंतर्गत कबीरुद्दीनपुर में 40 साल पुराने जमीनी विवाद में ताइक्वांडो खिलाड़ी अनुराग यादव की बड़ी ही बेरहमी से धारदार तलवार से शरीर से धड़ को अलग कर दिया। जैसे ही दुस्साहसिक घटना की जानकारी प्रशासन को मिली, मौके पर जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक पहुंच गये। जौनपुर में घटी घटना की सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने जिला प्रशासन व सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया।
आक्रोशित लोगों व पीड़ित परिवार के सवाल पर जिलाधिकारी ने हल्का लेखपाल को त्वरित निलंबित करने के साथ ही राजस्व निरीक्षक मुन्नी लाल के खिलाफ कार्यवाही हेतु रिपोर्ट शासन को भेजकर 3 दिन के मजिस्ट्रियल जांच करने के निर्देश दिये जिसके बाद पुलिस को आरोपियों की पकड़कर उन्हें जेल भेज दिया।
ताइक्वांडो खिलाड़ी के परिवार को आर्थिक मदद के लिये पत्रकारों ने बढ़ाया हाथ
गौराबादशाहपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत कबीरुद्दीनपुर गांव में दीपावली के एक दिन पूर्व हुई ताइक्वांडो खिलाड़ी अनुराग यादव की निर्मम हत्या को लेकर पूरा प्रदेश दहल उठा। मृतक अनुराग यादव 5 बहनों में इकलौता भाई था। घर की माली हालत खराब है। घटना के बाद मृतक परिजनों को सांत्वना देने राजनीतिक पार्टियां समेत क्षेत्र वासियों की कतार लग गईं परंतु किसी ने पीड़ित परिवार की आर्थिक मदद करना उचित नहीं समझा।
पीड़ित परिवार की बेवसी देख समाचार कवरेज कर रहे पत्रकारों ने मदद का वीणा उठाया। इस मुहिम की शुरुआत करते हुए जिले के इलेक्ट्रानिक मीडिया के पत्रकार राजन मिश्रा और लखनऊ के पत्रकार आदित्य कुमार ने मृतक की माता आशा देवी के खाते में धनराशि भेजने के साथ ही उपस्थित अन्य पत्रकारों से भी मदद की अपील करते हुए साथी पत्रकारों से अपने डिजिटल चैनल पर पीड़ित परिवार का एकाउंट नंबर और बार कोड प्रसारित करने की अपील किया जिससे परिवार की मदद हो सके। फिलहाल पत्रकारों ने अपनी मुहिम शुरू कर दी है। अब देखना यह होगा कि पत्रकारों की ये मुहिम कितना रंग लाती है?
हत्यारों के डर के साये में जीने को मजबूर था एक दर्जन परिवार
कबीरउद्दीनपुर गांव में हुई घटना की जब जमीनी पड़ताल की गई तो चौंकाने देने वाला मामला सामने आया।
हत्यारों के खौफ का अंदाजा बस इसी बात से लगाया जा सकता है कि गांव के लगभग एक दर्जन परिवारों से जमीन को लेकर विवाद चल रहा है जिसको लेकर परिवार हत्यारों के डर के साये में अपना जीवन व्यतीत करते हैं।
राजकुमार से मेरे परिवार पर अभी भी है जान का खतरा है: रामजीत
मृतक ताइक्वांडो खिलाड़ी अनुराग यादव के पिता रामजीत यादव ने कहा कि जिस तरह से अपराधियों के घर से असलहा बरामद हुआ है, उसको देखते हुए मुझे अभी भी भय है, क्योंकि दो लोग अभी भी फरार हैं। उनकी अभी तक गिरफ्तारी नहीं हो सकी है और उनका एक भाई राजकुमार घर पर रहता था। अभी कुछ दिन पहले ही कहीं चला गया है।
वह भी कट्टा—बम लेकर टहलने वाला आदमी है, क्योंकि पूरा परिवार अपराधी प्रवृत्ति का है।राजकुमार बाहर रहकर पैरवी करेगा। मुझे और मेरे परिवार को राजकुमार से जान का खतरा है। गौराबादशाहपुर पुलिस के अभी तक के कार्यवाही से हम लोग संतुष्ट नहीं है।
मुख्य हत्यारे को मिले मौत की सजा: स्वाति यादव
ताइक्वांडो खिलाड़ी अनुराग यादव की बहन स्वाति यादव ने बताया कि हम लोग सोमवार को जिलाधिकारी डॉ दिनेश चंद्र से मिलकर अपनी आपबीती बतायी जिस पर उन्होंने आश्वासन दिया कि आप जो कह रही हैं, आपके अनुसार कार्रवाई होगी। इसके बाद राजस्व टीम मौके पर आकर जमीन की माप करके चले गए हैं।
हमारी मांग है कि हत्यारों का घर ध्वस्त होने के साथ ही यहां से उनका निवास ही खत्म हो जाय और उन लोगों को आजीवन कारावास हो। साथ ही जो हत्यारा है, उसको मौत की सजा सुनाई जाय या उसका एनकाउंटर किया जाय। हत्यारों के घर पर बुलडोजर की कार्यवाही के लिए आश्वासन दिया गया है। अब तो उनके ऊपर है। हमें तो आश्वासन दिया गया है। अब जो वह कहेंगे, वही होगा।

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