अब्दुल शाहिद
बहराइच। वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. अरुण सक्सेना के कतर्निया घाट वन्य जीव प्रभाग में पहुँचने पर कृषि एवं पर्यावरण, जल संरक्षण क्षेत्र में प्रभावी काम करने वाले समाजसेवी संगठन प्रतिनिधियों ने उन्हें सामूहिक रूप से ज्ञापन देकर वन विभाग की ओर से अधिकाधिक संख्या में पंचवटी प्रजाति के वृक्षों के रोपण व उनके संरक्षण की मांग की है, ताकि तराई इलाकों में पर्यावरण व जल स्तर मानवनुकूल बना रह सके। संगठन प्रतिनिधियों ने वन मंत्री को ज्ञापन देकर अवगत कराया है कि जनपद के अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रीष्मकालीन शुरू होते ही जल स्तर कम हो जाता है। इससे पेयजल एवं सिंचाई कार्यों में बाधा पहुँचती है और इसका असर फसल उत्पादकता पर भी पड़ता है।
रूल ऑफ लॉ सोसायटी अवध क्षेत्र संयोजक संजीव श्रीवास्तव एडवोकेट के नेतृत्व में संगठन पदाधिकारियों ने वन मंत्री को अवगत कराया कि विभाग व अन्य व्यतिगत स्रोतों से प्राप्त यूकेलिप्टस प्रजाति के वृक्षों का रोपण जनपद में धड़ल्ले से हो रहा है। इसके अलावा यहां मेंथा प्रजाति की खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा है जिसके चलते तराई इलाकों में जल स्तर कम हो रहा है और कृषि उपज भी लगातार घट रही है। वन मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को अधिकाधिक संख्या में पंचवटी प्रजाति के वृक्षों के रोपण व उनके संरक्षण हेतु आश्वस्त किया तथा पर्यावरण व जल संरक्षण की ओर तराई की जनता का ध्यानाकर्षण कराने के लिए सरयू नदी तट गाय घाट (मिहींपुरवा) में सरयू महोत्सव आयोजन की बात कही है।
प्रतिनिधिमंडल में किसान परिषद तराई क्षेत्र संयोजक पर्यावरणविद् अनुज श्रीवास्तव, पर्यावरणविद् सुरेश वर्मा, संघ विचारक ओम प्रकाश सक्सेना, समाजसेवी विवेक कुमार, मनमोहन तिवारी, शिक्षक नेता राहुल पाण्डेय, शिक्षाविद प्रवक्ता डॉ. पंकज श्रीवास्तव, युवा समाजसेवी यश श्रीवास्तव, प्रगतिशील किसान नृपेंद्र सिंह कलहंस आदि उपस्थित रहे।