श्री संकट मोचन संगठन ने गोपी घाट पर की समुचित व्यवस्था
शुभांशू जायसवाल जौनपुर। चार दिवसीय अनुष्ठान के तीसरे दिन यानी गुरूवार को व्रती महिलाओं ने भगवान भाष्कर के ढलने पर उनको पहला अर्घ्य दिया। डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद छठ मइया की गीत गाते हुये महिलाएं अपने घर चली गयीं। यह दृश्य नगर के प्रतिमा विसर्जन घाट, गोपी घाट, गूलर घाट, हनुमान घाट, मां विंध्यवासिनी घाट, पांचों शिवाला घाट, मां अचला देवी घाट, जोगियापुर, केरारवीर घाट, सूरज घाट सहित अन्य घाटों के अलावा जनपद के विभिन्न क्षेत्रों के जलाशयों, तालाबों, नहरों सहित स्वयं से गड्ढा खोदकर बनाये गये जलाशय के किनारे देखने को मिला।
इसी क्रम में देखा गया कि कुछ महिलाएं ऐसी रहीं जो छठी माता से मांगी गयी मन्नत पूर्ण होने पर दण्डवत घाट तक पहुंचीं। ऐसी महिलाएं अपने घर से दण्डवत होकर जलाशय की ओर चलीं जिनके साथ ढोल—ताशे के बीच देवी गीत गाते चल रही थीं। यह दृश्य नगर के शेषपुर, जोगियापुर, नखास आदि मोहल्लों में ज्यादा देखा गया। उनका मानना है कि पिछले वर्ष हमने जो मन्नत मांगी थी, वह पूर्ण हो गया है। ऐसे में आस्था के बीच परम्परागत ढंग घर से दण्डवत होकर जलाशय तक गयी व्रती महिलाओं ने भगवान सूर्य को ढलने के दौरान पहला अर्घ्य दिया।