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वन विभाग की नाकामयाबी समझे या फिर मिलीभगत?
तरूण चौबे
सुजानगंज, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के नरहरपुर ग्रामसभा में स्थित कुत्तुबपुर गांव में नहर के किनारे लगे प्रतिबंधित हरे-भरे पेड़ों को ठेकेदारों द्वारा बिना किसी डर—भय के धड़ल्ले से काटा जा रहा है। इस घटना को जब वन विभाग इंस्पेक्टर सुजानगंज अरुण सिंह को बताया गया तो उन्होंने अपने किसी कर्मचारी को वहां देखने भेजे। अधिकारी के पहुंचने पर लकड़ी काटने वाले अपने वाहन पर लकड़ी के बड़े—बड़े टुकड़ों को लादकर ले जाने लगे और वन विभाग खड़ा होकर तमाशा देखता रह गया और लकड़ी काटने वाले उन लड़कियों को उठा ले गये।
अब यहां यह भी प्रश्न उठता है कि क्या वन विभाग इतना कमजोर हो गया है कि वह आरोपियों को भी काबू नहीं कर सकता? या फिर कहीं ऐसा तो नहीं की वन विभाग इसमें सम्मिलित हो? इस संदर्भ में जब वन विभाग इंस्पेक्टर सुजानगंज अरुण सिंह से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि हम उनकी लकड़ी काटने वाली मशीनों को जब्त कर लिये हैं। साथ ही जो लकड़ी ले गये हैं, उसको भी जब्त करके आरोपियों के खिलाफ दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी।