दीपक कुमार
मुगलसराय, चदौली। सूर्यषष्ठी (डाला छठ) के चार दिवसीय व्रत के तीसरे दिन सांयकाल भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के साथ छठ पूजा का प्रथम चरण प्रारम्भ हो गया। इसके पहले प्रातःकाल से ही व्रती महिलाओं ने भजन—कीर्तन करते हुए ठकुआ बनाया। वहीं घर के पुरूषों ने अपने घर द्वार, आस—पास की साफ सफाई की। दोपहर बाद पूजा का दऊरा सर पर लेकर घाट तक पहुंच गये। इनके पिछे व्रती महिलाएं परिवार व आसपास की महिलाओं के साथ छठ मईया के गीत गाते चल रही थी।
डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का जो आशय है, वह बहुत ही गुड़ है। इसका अर्थ कि हम अपने जीवन में बड़े बुजुर्गों का सम्मान करें। उनके अनुभवों से सीख लेते हुए अपने जीवन को सफल बनाने में उपयोग करे ऐसा नहीं है कि उम्र दराज हो जाने पर उनकी उपयोगिता कम हो गई, वरन् उनके पास के अनुभव हमें पल—पल जीवन को सफल बनाते हैं। सुरक्षा की दृष्टि से जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, आरपीएफ कमांडेंट जतिन राज, आरपीएफ इंस्पेक्टर प्रदीप रावत, कोतवाली प्रभारी विजय बहादुर, जीआरपी इंस्पेक्टर सुनील सिंह, मानसरोवर पूजा कमेटी के सरक्षक कृष्ण कुमार गप्ता, शाहिद कमेटी के तमाम सदस्य, सुरक्षाकर्मी आदि उपस्थित रहे।