शाहगंज, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के बीबीगंज चौकी क्षेत्र के गोड़िला फाटक बाजार में श्री बजरंग नवयुवक रामलीला समिति के 5वें दिन प्रभु श्रीराम-सीता, लक्ष्मण की आरती के बाद रामलीला का मंचन शुरू किया गया।
कलाकारों ने गुरूवार की रात राम-केवट संवाद का मंचन किया जिसकी लीला देख दर्शक भावुक हो उठे। भगवान राम माता-पिता की आज्ञा के पालन के लिए मां सीता व अनुज लक्ष्मण के साथ वन की ओर प्रस्थान करते हैं जहां उन्हें अयोध्यावासी उनका मार्ग रोककर विनती करते हैं कि प्रभु आपके वन चले जाने से अयोध्या की खुशियां समाप्त हो जायेंगी। भगवान राम सभी को समझाते हैं और मार्ग छोड़ने का अनुुरोध करते हैं।
उसके बाद राम-केवट संवाद का कलाकारों ने मंचन कर दर्शकों का मन मोह लिया। इसमें दिखाया गया कि भगवान राम मंत्री सुमंत के साथ गंगा के तट पर पहुंचते हैं। वहां निषाद राज केवट से भगवान राम की मुलाकात होती है। केवट सभी का आदर सत्कार करता है। भगवान राम केवट से निवेदन करते हैं कि वह उन्हें अपनी नाव से नदी के उस पार कर दें।
केवट कहता है कि प्रभु नदी उस पार करने में मुझे कोई समस्या नहीं है लेकिन मैं यह सुनिश्चित कर लेना चाहता हूँ कि क्या आप वही राम हो जिनके चरणों की धूल में ऐसा प्रताप है कि उसके स्पर्श मात्र से पत्थर की शिला नारी बन जाती है जिन्होंने जनकपुर के स्वयंवर में शिव धनुष को फूलों की भांति उठाकर तोड़ दिया। क्या आप वही राम हैं। केवट कहता है कि प्रभु आप की भगवंता जाने बगैर मैं आपको नदी के उस पार नहीं करूंगा। केवट की भक्ति को देख प्रभु राम मुस्कुरा देते हैं। वहीं केवट की इस चिकनी चुपड़ी बात को सुन लक्ष्मण क्रोधित हो उठते हैं। यह लीला देख दर्शक भाव—विभोर हो गये।
इस मंचन के दौरान रामलीला समिति के अध्यक्ष रोहित गुप्ता, उपाध्यक्ष अनूप जायसवाल, निर्देशक राजेश गुप्ता, रमाशंकर गुप्ता, दुर्गा प्रसाद गुप्ता, कालीचरण गुप्ता, शशिकांत विश्वकर्मा, प्रियांशु गुप्ता, सन्तोष भारती, पप्पू शर्मा, अनूप श्रीवास्तव, वीरेन्द्र यादव, शुभम यादव, जगत नारायन गुप्ता, सतेन्द्र चौहान, अंगद गुप्ता, आकाश साहू, सुरेश गुप्ता, सुनील विश्वकर्मा, बृजेश विश्वकर्मा, राम उदार विश्वकर्मा, मिथिलेश प्रजापति, श्याम नारायन गुप्ता, सुमित गुप्ता सहित तमाम लोग मौजूद रहे।