Jaunpur: दो मंत्री, राज्यसभा सदस्य, पूर्व सांसद व जिलाध्यक्ष पर भारी डीपीआरओ

  • ग्राम विकास अधिकारी का तबादला बना भाजपा नेताओं की नाक का सवाल

  • सपा सांसद व विधायक ने सितम्बर में करा दिया था स्थानान्तरण

  • मंत्री, राज्यसभा सदस्य व पूर्व सांसद भी नहीं करा सके निरस्त

  • अन्ततः बीडीओ डोभी ने गुरूवार को सचिव अजीत को मड़ियाहूं के लिये किया कार्यमुक्त

अजय पाण्डेय/बृजेश यादव
जौनपुर। डोभी विकास खंड में तैनात ग्राम विकास सचिव अजीत कुमार का स्थानांतरण निरस्त कराना सत्ताधारी दल भाजपा के नेताओं के लिए नाक का सवाल बन गया है। गत 9 सितंबर को अजीत कुमार का तबादला जिला पंचायत राज अधिकारी नत्थू लाल गंगवार ने मड़ियाहूं ब्लाक में कर दिया था।
इसके पीछे मुख्य भूमिका तत्कालीन एडीओ (पंचायत) रमेश यादव की थी। भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे सपा से लगाव रखने वाले रमेश यादव जो डीपीआरओ के चहेते ने अजीत कुमार का स्थानांतरण कराने को एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था।
रमेश यादव के कहने पर मछलीशहर की सपा सांसद प्रिया सरोज व उनके पिता केराकत विधायक तूफानी सरोज ने अजीत कुमार की शिकायत कर दी थी। तबादला निरस्त कराने के लिए प्रदेश के दो मंत्रियों के अलावा राज्यसभा सदस्य, पूर्व सांसद व संगठन से जुड़े लोग लगातार दमखम लगाए हुए थे। जिलाधिकारी डा. दिनेश चंद्र भी मौखिक आदेश कर चुके थे लेकिन डीपीआरओ लगातार टाल-मटोल करते रहे।
बता दें कि अजीत कुमार का स्थानांतरण निरस्त कराने को तभी से कई प्रधान व शुभचिंतक अपने तरकश के तीर आजमा रहे हैं। बजरंग नगर मंडल भाजपा अध्यक्ष संजय सिंह व उपाध्यक्ष कुछ कार्यकर्ताओं को लेकर 21 सितंबर को पूर्व सांसद बीपी सरोज के यहां गये।
अजीत कुमार के स्थानांतरण के पीछे के सच से उन्हें अवगत कराया। पूर्व सांसद ने तुरंत डीपीआरओ नत्थू लाल गंगवार को फोन कर अजीत कुमार का स्थानांतरण निरस्त करने के लिए पैरवी की। उसी दिन शाम को पूर्व सांसद बीपी सरोज ने नवागत जिलाधिकारी डा. दिनेश चंद्र से उनके आवास पर भेंट करके अजीत कुमार का तबादला निरस्त कराने का आग्रह किया।
जिलाधिकारी ने डीपीआरओ नत्थू लाल गंगवार बुलाकर अजीत कुमार का तबादला आदेश निरस्त करने को मौखिक आदेश दिया। डीपीआरओ ने कहा भी कि वह तबादला आदेश निरस्त कर देंगे। यही नहीं, पूर्व सांसद बीपी सरोज कई बार सीडीओ और डीपीआरओ से अजीत कुमार का स्थानान्तरण रद्द करने के लिए कहा था परंतु डीपीआरओ इतने दिनों तक सांसद के आदेश को लटकाए रखा।
वहीं पंचायती राज्यमंत्री ओम प्रकाश राजभर, युवा कल्याण व खेल राज्यमंत्री गिरीश चंद्र यादव, राज्यसभा सदस्य सीमा द्विवेदी के आलावा जिलाध्यक्ष पुष्पराज सिंह ने भी अजीत कुमार का तबादला आदेश निरस्त करने के लिए डीपीआरओ से पैरवी किये थे। बावजूद इसके तबादला आदेश निरस्त नहीं हुआ।
सत्ताधारी पार्टी के सभी पैरवी करने वाले नेताओं के ऊपर भारी होतें हुए जिला पंचायत राज अधिकारी ने गुरूवार को अंततः सचिव अजीत कुमार को मड़ियाहूं के लिए कार्यमुक्त करवाकर दो मंत्री, राज्यसभा सदस्य, पूर्व सांसद, जिलाध्यक्ष को जोर का झटका धीरे से दे डाला व अपनी जिद भी पूरी कर सत्ताधारी माननीयों को यह बता दिया कि नेता, नेता होता है और अधिकारी, अधिकारी होता है।

 

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