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पुलिस की कार्यशैली पर दिया जांच का आदेश
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कहा— 13 दिसम्बर तक प्रस्तुत करना होगा रिपोर्ट
धर्मापुर, जौनपुर। स्थानीय थाना क्षेत्र के कबीरुद्दीनपुर गांव में बीते 30 अक्टूबर को लगभग 17 वर्षीय ताइक्वांडो खिलाड़ी अनुराग यादव की निर्मम हत्या के मामले में उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग ने पुलिस की कार्यशैली की जांच का आदेश दिया है।
यह आदेश हाई कोर्ट के अधिवक्ता डॉ. गजेंद्र सिंह यादव द्वारा पुलिस की कथित लापरवाही के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के बाद दिया गया। मालूम हो कि अनुराग पर उनके पड़ोसी ने उस समय तलवार से हमला किया जब वह सुबह अपने घर के बाहर दातून कर रहे थे। हमलावर ने अनुराग का सिर धड़ से अलग कर दिया था जिससे पूरे क्षेत्र में कोहराम मच गया था। अनुराग एक प्रतिभाशाली ताइक्वांडो खिलाड़ी था और उसके उज्ज्वल भविष्य को इस जघन्य हत्या ने असमय समाप्त कर दिया।
पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि जमीनी विवाद के इस मामले में पुलिस ने लगातार उनकी शिकायतों को अनसुना किया और आरोपियों को संरक्षण प्रदान किया। परिजनों का कहना है कि उन्होंने कई बार थाने, सीएम पोर्टल और डायल 112 पर शिकायतें दर्ज कराई थीं लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। मृतक की बहन ने आरोपी पक्ष द्वारा तमंचा लहराने का वीडियो भी बनाया था, फिर भी पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया।
डॉ. गजेंद्र सिंह यादव ने मानवाधिकार आयोग से अपील की थी कि पुलिस द्वारा अब तक की गयी सभी कार्यवाहियों की जांच की जाय और घटना से पहले पुलिस अधिकारियों की कॉल डिटेल्स की समीक्षा की जाय, ताकि यह पता चल सके कि कहीं कोई आरोपी पुलिसकर्मियों के संपर्क में तो नहीं था।
आयोग ने इस मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुये जौनपुर के पुलिस अधीक्षक डा. अजय पाल शर्मा को निर्देश दिया कि वे मामले की गहराई से जांच कर रिपोर्ट आगामी 13 दिसम्बर तक आयोग को प्रस्तुत करें।
साथ ही मामले की निष्पक्षता बनाए रखने के लिए घटना के दिन तैनात सभी पुलिसकर्मियों का स्थानांतरण करने की भी मांग की गई है, ताकि वे जांच को प्रभावित न कर सकें। वहीं क्षेत्रवासियों और खेल जगत से जुड़े लोगों ने इस कदम का स्वागत किया है। साथ ही अनुराग यादव के परिवार के लिए न्याय की मांग किया है।