-
सुइथाकला के जहीरूद्दीनपुर गांव में चल रही सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा
डा. प्रदीप दूबे
सुइथाकला, जौनपुर। स्थानीय विकास खण्ड स्थित जहीरूद्दीनपुर गांव में चल रही सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के पंचम दिवस पर भारी संख्या में श्रद्धालु कथा श्रवण करने पहुंचे। श्रीमद्भागवत कथा व्यास श्री वैष्णव श्री नारायण स्वामी वाचस्पति जी महाराज ने उपस्थित श्रोताओं को भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं की कथा का रसपान कराया।
श्रीकृष्ण लीला की कथा के क्रम में कथा व्यास संत ने भगवान कृष्ण द्वारा बलवान राक्षसी पूतना के वध की कथा के उपरांत गिरिराज गोवर्धन की कथा श्रवण कराते हुए कहा कि कार्तिक महीने में ब्रजवासी भगवान इंद्र की पूजा करने की तैयारी कर रहे थे लेकिन कृष्ण ने उन्हें भगवान इंद्र की पूजा करने से मना कर दिया और गोवर्धन महाराज की पूजा करने की सलाह दी। इससे भगवान इंद्र क्रोधित होकर भारी जलवृष्टि शुरू कर दिए।
जलवर्षा से परेशान ब्रजवासियों की रक्षा के लिए भगवान श्रीकृष्ण गोवर्धन पर्वत अपनी अंगुली से उठाकर ब्रजवासियों को इन्द्र के कोप से बचाया। श्रीकृष्ण लीला की कथा कहते हुए उन्होंने कहा कि गोकुल छोड़कर नंद गांव आने के बाद कृष्ण ने अनेक लीलाएं कीं जिनमें गोचारण लीला, गोवर्धन लीला, रास लीला आदि द्वारा धर्म की रक्षा का कार्य किये।
समापन अवसर पर उपस्थित भक्तजन आरती लेकर प्रसाद ग्रहण किये। श्रीमद्भागवत कथा संयोजक मण्डल में शोभनाथ तिवारी, राजनाथ तिवारी, ओम प्रकाश तिवारी, जय प्रकाश तिवारी, राजकरन, हरिशंकर, विजयशंकर, ओंकार, उदय शंकर, राजेश कुमार, कमलेश, बृजेश, देवेश, राहुल, प्रियांशु, शिवांश, श्रेयांश, प्रायू आदि सम्मिलित रहे।