मुसैब अख्तर
गोण्डा। साइबर अपराध को इंटरनेट और कंप्यूटर के अवैध उपयोग के रूप में उल्लेखित किया जा सकता है। तकनीकी के विकास के चलते अपराधी भी अपराध करने के नये-नये तरीके इजाद कर रहे है। आजकल प्रत्येक व्यक्ति मोबाइल व इण्टरनेट बैकिंग का प्रयोग कर रहा है।
इंटरनेट के प्रयोग किये जाने से जानकारी के अभाव में कई लोग साइबर अपराध का शिकार हो जाते हैं। इसको दृष्टिगत रखते हुए पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल द्वारा जनपद में आमजन को साइबर अपराध से बचाव एवं इससे निपटने के लिये बरती जाने वाली सावधानियों के प्रचार प्रसार हेतु जनपद में ऑपरेशन “साइबर कवच’’ अभियान की शुरूआत की गई है। यह ऑपरेशन 27 नवम्बर से एक सप्ताह तक चलाया जा रहा है।
इस अभियान के अन्तर्गत जनपद के सभी थाना प्रभारी, क्षेत्राधिकारी व अपर पुलिस अधीक्षक प्रतिदिन विद्यालयों, प्रतिष्ठित संस्थाओं एवं महत्वपूर्ण स्थानों पर वर्कशॉप एवं गोष्ठियां कर इंटरनेट के माध्यम से हो रहे इन अपराधों के बारे में जानकारी दे रहे हैं और इंटरनेट के प्रयोग के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में जानकारी दी जा रही है। इसके अतिरिक्त विद्यालयों में पम्पलेट वितरित कर महत्वपूर्ण स्थानों पर पम्पलेट/पोस्टर चस्पा किये जाने की कार्यवाही की जा रही है।
अभियान के चौथे दिन अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी मनोज रावत द्वारा लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कालेज में छात्र-छात्राओं एवं स्कूल के स्टाफ के साथ वर्कशाप का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम स्कूल के प्रधानाचार्य ने उनको पुष्प भेंट करके स्वागत किया। अपर पुलिस अधीक्षक ने साइबर अपराध की जानकारी देते हुए बताया कि इंटरनेट के उपयोग की सही जानकारी होने पर साइबर अपराध से बचा जा सकता है। ऑनलाइन खातों के लिए मजबूत पासवर्ड बनाये।
इसके अलावा सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे व्हाट्सअप, ट्विटर (एक्स), फेसबुक व इंस्टाग्राम पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी सार्वजनिक न करें, क्योंकि कोई भी व्यक्ति आसानी से आपकी जानकारी का इस्तेमाल कर दुरूपयोग कर सकता है। इस प्रकार के एप्स डाउनलोड किये जाते समय प्राइवेसी सम्बन्धी आप्शन का भली-भांति अवलोकन करने के बाद ही सहमति/असहमति देते हुए प्रक्रिया पूर्ण करें। फर्जी लॉटरी लगने का कॉल करने वालों को कभी अपनी बैंक की डिटेल शेयर न करें।
डिजिटल अरेस्ट से बचाव हेतु बताया गया कि किसी भी अनजान कॉल/मैसेज पर प्रतिक्रिया न दें, टावर लगाने के नाम पर भी लोगों से ठगी की जाती है, इससे बचने हेतु किसी अज्ञात बैंक खाता में पैसा जमा न करें।
इस दौरान साइबर सुरक्षा टीम के हरिओम टण्डन, आलोक सविता ने छात्र/छात्राओं को विस्तारपूर्वक व्हाट्सअप, ट्विटर (एक्स), फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि को सुरक्षित रखने हेतु बताया गया।
अन्त में अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी ने सभी छात्र-छात्राओं व स्कूल के स्टाफ से अपेक्षा की कि वर्कशॉप में दी गई जानकारी को अपने परिवार, आस-पड़ोस में अधिक से अधिक लोगों को बतायें जिससे कोई भी व्यक्ति जानकारी के आभाव में साइबर अपराधियों का शिकार न हो।
इसी दौरान वर्कशाप में उपस्थित स्कूल के छात्र व स्टाफ को पम्पलेट वितरित किये गये तथा स्कूल के अन्य छात्रों को जागरुक करने हेतु पोस्टर एवं बुकलेट उपलब्ध करायी गयी। इसी तरह थाना कौड़िया, उमरी बेगमगंज, परसपुर, नवाबगंज, कटरा बाजार, वजीरगंज, धानेपुर के साइबर हेल्प डेस्क की टीम द्वारा अपने थाना क्षेत्रों के स्कूलों में कार्यक्रम का आयोजन कर छात्र/छात्राओं को साइबर अपराधों से बचने हेतु जागरूक किया गया।