मुसैब अख्तर
गोण्डा। बिजली विभाग के निजीकरण के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा के आवाहन पर किसान मजदूर संघर्ष समन्वय समिति के तत्वाधान में जिला कलेक्ट्रेट पर धरना प्रदर्शन कर जिलाधिकारी कार्यालय पर मुख्यमंत्री को सम्बोधित 13 सूत्रीय मांगपत्र सौंपा। धरने की अध्यक्षता अध्यक्ष मंडल भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष वंशराज वर्मा, एटक के कार्यवाहक अध्यक्ष कामरेड सत्यनारायण त्रिपाठी संचालन किसान सभा के जिला संयोजक अमित शुक्ला ने किया।
धरने को संबोधित करते हुए सीआईटीयू के प्रदेश उपाध्यक्ष कामरेड कौशलेंद्र पांडेय ने कहा की बिजली विभाग को निजीकरण करने का फैसला जनविरोधी है। निजीकरण से किसानों सहित आम जनमानस को जहां महंगी बिजली मिलेगी। दिए गए मांगपत्र में बिजली विभाग के निजीकरण पर पूर्ण रूप से रोक लगाने तथा अभी तक जो निजीकरण किया गया है।
उसे वापस लेने, बिजली संशोधन बिल 2022 वापस लेने, पंजाब सरकार की तरह घरेलू बिजली कनेक्शन पर हर माह 300 यूनिट बिजली तथा किसानों को मुफ्त बिजली दिए जाने, स्मार्ट प्रीपेड मीटर योजना तुरंद बंद करने, किसानों को नलकूपों के लिए 18 घंटे विद्युत आपूर्ति किए जाने, घरेलू और ट्यूबलेल कनेक्शनों पर कनेक्शन चार्ज, तमाम अधिभार आदि की वसूली बंद किए जाने, गन्ने का मूल्य पांच सौ रुपए प्रति क्विंटल किए जाने तथा बकाया मूल्य का भुगतान तत्काल कराए जाने सहित अन्य मांगे शामिल हैं। नगर मजिस्ट्रेट विजय शर्मा के माध्यम से राज्यपाल महोदया को संबोधित ज्ञापन सौंपा गया।
धरना प्रदर्शन में भारतीय किसान यूनियन के मंडल सचिव सदानंद दुबे, जिला सचिव विक्रम पटेल, जिला उपाध्यक्ष वंशराज पटेल, उप्र बिजली कर्मचारी संघ के आद्या प्रसाद, राज्य कर्मचारी महासंघ से शिवाकांत दुबे, यूपीएम एसआरए के जिला सचिव विनीत तिवारी, आनन्द सिंह, कुलदीप तिवारी, उप्र खेत मजदूर यूनियन से केपी प्रसाद, कामरेड रोबी गांगुली, सुरेश कुमार कनौजिया, तुलसीराम, रघुनाथ पटेल, कुलदीप ओझा, रामप्रसाद वर्मा, पंचम कुमार, सैयद तालिब अली, विनोद कुमार, रिज़वान आदि उपस्थित रहे।