पराली प्रबन्धन पर कृषि विभाग का विशेष अभियान

  • जनपद की 602 ग्राम पंचायतों में 9 से 20 दिसम्बर तक होगा आयोजन

मुसैब अख्तर
गोंडा। पराली जलाने से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान को रोकने और किसानों को जागरूक करने के लिए जिला कृषि विभाग द्वारा विशेष अभियान चलाया जाएगा।
इस अभियान के तहत 9 से 20 दिसंबर तक जनपद की 602 ग्राम पंचायत स्तर पर कार्यशालाओं और सेमिनारों का आयोजन किया जाएगा। इन कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य पराली प्रबंधन के महत्व और इसके पर्यावरणीय लाभों को समझाना है।
कार्यशालाओं में किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान, जैसे भूमि की उर्वरता में कमी, वायु प्रदूषण और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों की जानकारी दी जाएगी। साथ ही पराली के वैकल्पिक उपयोग, जैसे जैव उर्वरक, पशु चारा और ऊर्जा उत्पादन के तरीकों पर प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
कार्यशालाओं का आयोजन दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक किया जाएगा जिसमें किसानों को पराली प्रबंधन के उपकरणों और आधुनिक तकनीकों की जानकारी भी दी जाएगी। इसके अलावा राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) के दिशा निर्देशों का पालन सुनिश्चित करते हुए पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दिया जाएगा।
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बताया कि पराली जलाने से पर्यावरण को गंभीर नुकसान होता है और इसे रोकने के लिए किसानों का सहयोग अत्यंत आवश्यक है।
किसानों से अपील किया कि वे इस अभियान में सक्रिय भाग लें और पर्यावरण के संरक्षण में अपना योगदान दें। यह पहल न केवल पर्यावरण को सुरक्षित बनाएगी, बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति को भी सुदृढ़ करेगी। सभी किसानों से इन कार्यशालाओं में भाग लेकर पराली प्रबंधन के नए और प्रभावी तरीकों को अपनाने की अपील की गई है।

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