मुकेश तिवारी
झांसी/नई दिल्ली। देशभर में आये दिन कला उत्सवों यानी आर्ट फेस्टिवलों का अयोजन होता रहता है पर झांसी की मणिकर्णिका आर्ट गैलरी ने आर्ट फेस्टिवलों की दुनिया में एक इतिहास रच दिया है। आमतौर पर आर्ट फेस्टिवल 4-5 दिन के होते हैं पर मणिकर्णिका ने एक माह का आर्ट फेस्टिवल आयोजित कर एक नया कीर्तीमान बनाया है। दिल्ली के प्यारेलाल भवन की कला दीर्घा में 10 नवंबर से 9 दिसंबर 2024 तक चले इस फेस्टिवल की एक विशेषता यह थी कि इसमें कलाकारों के बूथ की जगह तीन-तीन दिन की दस प्रदर्शनियों का आयोजन किया गया था। फेस्टिवल में विभिन्न प्रदर्शनियों के तहत पेंटिंग, ड्राइंग, शिल्प, फोटोग्राफी, लोक कला आदि का प्रदर्शन किया गया।
इस फेस्टिवल का उद्घाटन पद्मश्री व आल इंडिया फाइन आर्टस् एंड क्राफ्टस् सोसायटी के चेयरमैन बीमान बीदास ने किया। इस अवसर पर सम्मानित अतिथियों के रूप में वरिष्ठ कलाकार एमके पूरी, सुनीता लांबा, डॉ. वेद प्रकाश भारद्वाज सहित बड़ी संख्या में कलाकार उपस्थित थे। इस फेस्टिवल की शुरुआत हुई अंतरराष्ट्रीय समूह प्रदर्शनी से। दो अंतरराष्ट्रीय व एक राष्ट्रीय प्रदर्शनी के अलावा इसमें फोटोग्राफी की अलग से प्रदर्शनी हुई। इसी प्रकार एक प्रदर्शनी में महिला कलाकारों का काम प्रदर्शित किया गया। एक प्रदर्शनी लोक कलाओं की आयोजित की गई। फेस्टिवल में अंतिम प्रदर्शनी रामायण पर आधारित पेंटिंग्स की थी। मणिकर्णिका आर्ट गैलरी की निदेशक कलाकार कामिनी बघेल ने बताया है कि यह फेस्टिवल गैलरी के पांच वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आयोजित किया गया। उन्होंने बताया कि इस फेस्टिवल में बच्चों की अलग से प्रदर्शनी लगाई गई जो किसी आर्ट फेस्टिवल में नहीं होती है।
इसी प्रकार किशोर व युवा कलाकारों की प्रदर्शनी का आयोजन कर भावी कलाकारों को एक मंच प्रदान किया गया। फेस्टिवल में अपनी कला प्रदर्शित करने वाले कई कलाकारों ने इस आयोजन के लिए कामिनी बघेल को धन्यवाद देते हुए बताया कि उन्हें पहली बार किसी राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी में शामिल होने का अवसर मिला है। इस आर्ट फेस्टिवल में प्रत्येक प्रदर्शनी के उद्घाटन के लिए कला जगत के वरिष्ठ कलाकारों को आमंत्रित किया गया था। ऐसे कलाकारों में बीमान बी. दास, एमके पूरी, फोटोग्राफर रोहित सुरी, ओडिशी डांसर वाणी, डॉ वेद प्रकाश भारद्वाज, सुनीता लांबा, लोक कलाकार कामिनी सिन्हा, रमेश राणा, रमेश कांडिगिरी, देवेंद्र खन्ना, जीतेंद्र प्रसाद आदि शामिल थे। बच्चों की प्रदर्शनी में विशेष उत्साह देखने को मिला। कई ऐसे बच्चे इस प्रदर्शनी का हिस्सा थे जिन्होंने पहली बार किसी गैलरी में अपना काम लगा देखा। इस आर्ट फेस्टिवल का समापन रामायण पर आधारित प्रदर्शनी से हुआ।
इस प्रदर्शनी में करीब 30 कलाकारों ने रामायण पर आधारित चित्रों की प्रदर्शनी की। ऐसे कलाकारों में वरिष्ठ और युवा दोनो कलाकार शामिल थे। इस प्रदर्शनी की एक विशेष बात यह रही कि इसमें महिला कलाकारों की संख्या अधिक रही। रामायण पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट, नई दिल्ली के डायरेक्टर डॉ. संजीव कुमार गौतम और वरिष्ठ कलाकार एमके पूरी ने किया। एक माह चले इस आर्ट फेस्टिवल में देश और विदेश के 400 से अधिक कलाकारों की भागीदारी रही। गैलरी की डायरेक्टर कामिनी बघेल ने सभी कलाकारों और मेहमानों का धन्यवाद करते हुए कहा है कि उनका प्रयास रहता है कि देश के दूर-दराज के क्षेत्रों को प्रदर्शनी का अवसर प्रदान करना। इसीलिए इस फेस्टिवल का आयोजन किया गया था।