मुकेश तिवारी झांसी। देश भर में भारत का सबसे बड़ा नवप्रवर्तन इवेंट स्मार्ट इंडिया हैकेथॉन ग्रांड फिनाले का समापन हो चुका है। इसमें इंजीनियरिंग के छात्र छात्राएं अपने नवप्रवर्तन कौशल से कई मंत्रालयों, इंडस्ट्री द्वारा दी गई समस्या का तकनीकी समाधान बताते हैं।
देश भर में स्मार्ट इंडिया हैकेथॉन ग्रांड फिनाले के लिए कई सेंटर बने थे। इसमें बुन्देलखण्ड अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान झाँसी की टीम अंडरस्कोर का चयन ग्रांड फिनाले में हुआ था। टीम के छात्र श्रेया पाल, प्रिंस कुमार, प्रिंस साहू, रोहित चौरसिया, उत्कर्ष पंत, अनूप सिंह लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, जालंधर में लगातार दो दिन वह दी गई समस्या का तकनीकी समाधान दे
रहे थे तथा विजेता घोषित हुए। वह एक इंटेलिजेंट प्लेटफॉर्म विकसित कर रहे थे जो प्रौद्योगिकी संस्थान के पूर्व छात्र एवं पढ़ रहे छात्रों के बीच जोड़ने का काम करेंगा। यह समस्या राजस्थान सरकार के तकनीकी विभाग से दी गई थी।
संस्थान के नवाचार परिषद की अध्यक्ष एवं इनोवेशन और इंक्यूबेशन सेंटर की निदेशक प्रो. शहनाज़ अयूब ने कहा कि स्मार्ट इंडिया हैकेथॉन में विजय पाना संस्थान के लिए बहुत ही गर्व की बात है। जो समाधान यह टीम ने किया, उसे बीआईईटी में भी लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि छात्रों के नवप्रवर्तन कौशल एवं स्टार्ट अप्स की शुरूवात के लिए स्मार्ट इंडिया हैकेथॉन एक बड़ा प्लेटफॉर्म है।