विधान से समाधान कार्यक्रम के जरिये महिलाओं को किया गया जागरूक

शिवमंगल अग्रहरि
चित्रकूट। उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ एवं राष्ट्रीय महिला आयोग के संयुक्त निर्देशन में विधान से समाधान कार्यक्रम के अन्तर्गत मंगलवार को तहसील सभागार में विधिक जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें महिलाओं को विधिक जानकारी देते हुए जागरूक किया गया।
जागरूकता कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव अपर जिला जज नीलू मैनवाल ने कहा कि महिलाओं को बुनियादी कानूनी अधिकारों और उपायों के बारे में व्यवहारिक ज्ञान होना चाहिए जिससे वह वास्तविक जीवन स्थितियों में चुनौतियों का सामना कर सकें।
साथ ही महिलाओं को ब्लाक स्तर पर विभिन्न अपराधों के मामलों में निवारण के लिए स्थानीय सक्षम अधिकारियों से सम्पर्क करने व शिकायतों के निवारण के लिये उपलब्ध विभिन्न चैनलों जैसे एनसीडब्ल्यू, नालसा, पुलिस, कार्यपालिका, न्यायपालिका और गैर सरकारी संगठनों से सम्पर्क करने और उनका उपयोग करने की प्रक्रिया समझाया ताकि वे अन्याय को पहचान सकें और अपने अधिकारों का लाभ उठा सके।
चिकित्साधिकारी डॉ. अनिष्का चौरे ने महिलाओं में होने वाले सर्वाईकल कैंसर के लक्षण व मुख्य कारण की जानकारी दी। डॉ. आकांक्षा पाण्डेय ने एचआईवी एड्स के लक्षण एवं बचाव के बारे में विस्तार से बताया। बताया कि महिलाओं में तीस वर्ष की उम्र हो जाने के बाद सर्वाइकल कैंसर के लक्षण दिखाई देते हैं, जिसे अनदेखा किये जाने पर घातक परिणाम हो सकते हैं।
मुख्य न्याय रक्षक गया प्रसाद निषाद ने महिलाओं से सम्बन्धित विभिन्न धाराओं के बारे में विस्तार से बताया। बाल संरक्षण अधिकारी डॉ. सौरभ सिंह द्वारा निराश्रित महिला पेंशन योजना, कन्या सुभंगला योजना, बाल विवाह, चौदह वर्ष तक के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा आदि के बारे में विस्तार से बताया। तहसीलदार वाचस्पति सिंह ने तहसील से सम्बन्धित व महिलाओं से सम्बन्धित विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया।

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