न्यायिक एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने मण्डल कारागार का किया निरीक्षण

  • कारागार की पाकशाल की व्यवस्थाओं को बारीकी से देखा गया

रूपा गोयल
बांदा। जिला जज/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण डा. बब्बू सारंग ने बुधवार को मण्डल कारागार बांदा का संयुक्त निरीक्षण किया। निरीक्षण में श्रीपाल सिंह अपर जिला जज/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, नगेन्द्र प्रताप जिलाधिकारी, अंकुर अग्रवाल पुलिस अधीक्षक, भगवान दास गुप्ता, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, रुपेश सोनकर अधिशाषी अभियन्ता लोनिवि प्रान्तीय खण्ड सम्मिलित रहे।
सर्वप्रथम जनपद न्यायाधीश, जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा संयुक्त रुप से किये गये निरीक्षण में पाकशाला का निरीक्षण किया गया जहां मीनू के अनुसार दोपहर के भोजन हेतु उड़द व चने की मिक्स दाल, रोटी वआलू बैंगन की सब्जी तैयार की जा रही थी।
पाकशाला में उत्पन्न गर्म वायु के निकास हेतु चिमनी की मरम्मत करायी जा चुकी है जिससे चूल्हे से निकलने वाली गर्म वायु पूर्णतः बाहर नहीं निकल रही है तथा दोनो एक्जास्ट फैन भी ठीक तरह काम कर रहे हैं। अधोहस्ताक्षरी द्वारा कारागार अस्पताल का निरीक्षण किया गया जहां गम्भीर बीमारी कैंसर से पीड़ित दो बन्दियों से उनके इलाज व खान-पान के सम्बंध में जानकारी ली।
अधोहस्ताक्षरी द्वारा अस्पताल में एडमिट बन्दियों को बताया गया कि सर्वाेच्च न्यायालय नई दिल्ली के निर्देशानुसार 70 वर्ष से अधिक आयु के बन्दियों एवं गम्भीर अवस्था के बीमार बन्दियों की रिहाई हेतु विशेष अभियान चलाया जा रहा है जिसमें कैंसर से पीडित उक्त दोनो बन्दियों के नाम प्रेषित किये जा चुके हैं।
निरीक्षण के दौरान सर्वाेच्च न्यायालय नई दिल्ली में योजित रिट याचिका (सिविल) सुकन्या सान्था बनाम भारत संघ व अन्य में पारित निर्णय के अनुपालन में जिला जज एवं बोर्ड आफ विज़टर्स के सदस्यगण द्वारा समस्त बन्दियों से किसी भी प्रकार का जातीय भेदभाव किये जाने अथवा अस्पृश्यता किये जाने के सम्बंध में जानकारी ली गयी एवं समस्त बन्दियों को जानकारी दी गयी कि आप सभी आपस में किसी प्रकार की जातीय भेदभाव व अस्पृश्यता की भावना एक-दूसरे के लिए न रखे।
यदि आपके साथ किसी बन्दी अथवा कारागार स्टाफ द्वारा जातीय भेदभाव की भावना रखी जाती है अथवा यदि आपको ऐसा अनुभव होता हैं कि आपके साथ जातीय भेदभाव किया जा रहा हैं तो आप इसकी सूचना सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को उनके साप्ताहिक निरीक्षण हेतु कारागार में आने पर दी जा सकती है अथवा सचिव के नाम लिखित प्रार्थना भी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में दिया जा सकता है।
इसके अतिरिक्त महिला बैरकों का निरीक्षण किया गया जहां जिला जज ने आर्थिक रुप से कमजोर महिला बन्दियों के पास मुकदमों की पैरवी हेतु निजी अधिवक्ता न होने की दशा में निःशुल्क अधिवक्ता प्रदान किये जाने हेतु जानकारी ली तो 4 महिला बन्दियों ने बताया कि उन्हे मुकदमों की पैरवी हेतु निःशुल्क अधिवक्ता प्रदान किये जा चुके हैं।
जिलाधिकारी ने महिला बैरक निरीक्षण में महिला बन्दियों को प्राप्त होने वाले वेजेज़ के सम्बंध में जानकारी ली तो बताया गया कि महिला बन्दियों के आधारकार्ड न होने के कारण बैंक खाते में खोले जाने में बाधा उत्पन्न हो रही है जबकि कारागार अधीक्षक द्वारा वेजेज राशि का चेक दे दिया जाता है।
इस पर पुलिस अधीक्षक ने जेल अधीक्षक आलोक सिंह को कारागार के ही सी०यू०जी० मोबाइल नम्बर पर आधार कार्डाें में डालने हेतु निर्देशित किया जिससे ओ०टी०पी० ओ०टी०पी० सी०यू०जी० नम्बर पर प्राप्त हो सके एवं महिला बन्दियों के आधार कार्ड बिना किसी बाधा के बनाये जा सकें एवं उनके बैंक खाते खोले जा सकें।
साथ ही अधोहस्ताक्षरी द्वारा शरद ऋतु में महिलाओं द्वारा बनाये जा रहे हस्तनिर्मित हैण्ड बैग, गुलदस्ते, स्वेटर आदि को बाजार में विक्रय किये जाने हेतु कारागार प्रशासन को निर्देशित किया गया जिससे उन्हें आर्थिक लाभ हो सकें। निरीक्षण के समय जेल अधीक्षक आलोक सिंह, जेलर राकेश मौर्य, उप जेलर निर्भय सिंह, आलोक त्रिवेदी, नरेन्द्र सिंह के साथ राशिद अहमद डीईओ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गजेन्द्र कुमार आंशुलिपिक, विनोद कुमार अर्दली जनपद न्यायालय उपस्थित रहे।

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