अब्दुल शाहिद
बहराइच। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं राष्ट्रीय महिला आयोग नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष/जनपद न्यायाधीश के निर्देशानुसार जिला प्राधिकरण के सचिव/अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विराट शिरोमणि की अध्यक्षता में विकास खण्ड तेजवापुर में महिलाओं के हितार्थ विधिक जागरूकता कार्याक्रम का आयोजन हुआ।
इस अवसर पर प्रभारी तहसीलदार महसी, विकास खण्ड तेजवापुर हरिओम शास्त्री, सहायक विकास अधिकारी, मध्यस्थ अधिवक्ता, रिसोर्स पर्सन शिविका मौर्या, बाल संरक्षण अधिकरी अर्चना मिश्रा, समाजसेविका एवं महिलाएं उपस्थित रहे।
सर्वप्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव शिरोमणि ने शिविर में उपस्थित महिलाओं को जागरुक करते हुए बताया कि न्याय पालिका किसी भी जनतंत्र के तीन प्रमुख अंगों में से एक है। न्याय पालिका संविधान और कानून की रक्षक है। भारत में विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 के अंतर्गत राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण का गठन किया गया है।
इसी के अंतर्गत प्रत्येक जिलों में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यरत है जो समाज के कमजोर वर्गों को मुफ्त कानूनी सेवाएं प्रदान करती है। आर्थिक रुप से कमजोर व्यक्ति, जो न्यायालय अथवा तहसील में अपने गुकदमे की पैरवी करने में असमर्थ है, वह जिला प्राधिकरण से निःशुल्क अधिवक्ता पा सकता है। इसके अतिरिक्त सचिव द्वारा राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के टॉल् फ्री नम्बर 15100 के बारे में जानकारी दी गयी।
रिसोर्स पर्सन हरिओम शास्त्री द्वारा ‘विधान से समाधान’ कार्यक्रम के अन्तर्गत महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे एसिड हमला, बलात्कार, अपहरण किसी भी प्रकार का यौन हमला, मानव तस्करी, क्रूरता, दहेज उत्पीड़न, महिलाओं के अधिकारों से संबंधित विधिक जानकारी प्रदान की गयी तथा महिलाओं की सुरक्षा एवं उनके हितों के संरक्षण व संवर्धन हेतु अनेक कानून बनाये गये के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया।
जिला बाल कल्याण अधिकारी शिविका मौर्या ने बताया कि मिशन शक्ति महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने और उनकी सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने पर केंद्रित है।
उत्तर प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से विधवा पेंशन योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, जननी सुरक्षा योजना, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना जैसी अनेकों योजनाए तथा हेल्पलाइन क्रियाशील हैं। शिविर के दौरान अर्चना मिश्रा समाजसेविका ने बाल विवाह को रोकने एवं बाल विवाह के दुष्परिणामों के बारे में विस्तार से अवगत कराया।