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भारत में हाल के सालों में अचानक से होने वालों मौतों का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। शहर हो या देहात हर जनपद में हर रोज चार-छह लोगों की मौते हो रही है। सरकारी अभिलेखों के आंकड़े बताते है कि 2024 में ही करीब 75 हजार लोगों की अचानक मौत हो गयी। जबकि 2022 में यह आंकड़ा 57 हजार थी। इनमें से 60 फीसदी मामले ऐसे थे, जिनमें मृतकों को हार्ट अटैक आया था। मतलब साफ है ’साइलेंट किलर’ बनता जा रहा हार्ट अटैक। खास यह है कि इनमें 10 में से 4 मौतें 45 साल से कम उम्र वालों की है। विशेषज्ञों का कहना है कि खराब जीवनशैली और बढ़ते तनाव इसकी बड़ी वजह देखने को मिल रहा है। शायद यही वजह है कि जो हार्ट अटैक कभी बुजुर्गों की मौत का कारण बनता था, वो अब युवाओं को अपनी चपेट में ले रहा है। चिकित्सकों का कहना है कि शहरी भारतीय रोजाना औसतन 11 ग्राम नमक, 10 चम्मच चीनी और 32.6 ग्राम तेल-घी का सेवन करते हैं. जबकि, डब्ल्यूएचओं की सिफारिश है कि हर दिन 6 ग्राम नमक, 4 चम्मच चीनी और 20 ग्राम तेल-घी खाना चाहिए. आईसीएमआर के मुताबिक चीनी, नमक और तेल-घी ज्यादा खाने से दिल को नुकसान पहुंचता है. इसके अलावा तनाव से सूजन वाले हार्मोन निकलते हैं, जिसका सीधा असर दिल पर पड़ता है. लंबे समय तक तनाव में रहने से ब्लड कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर बढ़ता है, जो दिल से जुड़ी बीमारी का खतरा बढ़ाता है. तनाव में रहने से लाइफस्टाइल और खान-पान भी बिगड़ता है. सेंटर ऑप हीलिंग ने 2020 में 10 हजार भारतीयों पर एक सर्वे किया था. इसमें सामने आया था कि 74 फीसदी भारतीय तनाव से जूझ रहे हैं
सुरेश गांधी
फिरहाल, भारत में हार्ट अटैक से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. 10 साल में करीब सवा दो लाख भारतीयों की मौत हार्ट अटैक से हो चुकी है. खास यह है कि भारत में हार्ट अटैक से मरने वालों में 10 में से 4 की उम्र 45 साल से कम है. एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2022 में भारत में दिल का दौरा पड़ने से 32,457 लोगों की मौत हुई थी. यह पिछले साल 28,413 मौतों से ज़्यादा है. साल 2020 में दिल का दौरा पड़ने से 28,579 लोगों की मौत हुई थी. जो 2023-2024 में करीब 75 हजार पहुंच गयी। इनमें अचानक से होने वाली मौतें ज्यादा है। जबकि 2022 में यह आंकड़ा 57 हजार थी। इनमें से 60 फीसदी मामले ऐसे थे, जिनमें मृतकों को हार्ट अटैक आया था।
मतलब साफ है ’साइलेंट किलर’ बनता जा रहा है। आने वाले साल 2025 में साइलेंट किलर या यूं कहे दिल की बीमारियां देश के लिए सबसे बड़ी चुनौती होंगी। वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन के अनुसार, दुनिया में हार्ट से जुड़ी समस्याओं से 2 करोड़ से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है. इस हिसाब से हर 1.5 सेकेंड पर एक इंसान की जान हार्ट की बीमारी से चली जाती है.