देवी प्रसाद शर्मा आजमगढ़। किसान लोदी महाविद्यालय महादेवपुर सेनपुर जनपद के पश्चिम में छोर पर स्थित अतरौलिया विकास खण्ड से सात किमी कि दूरी पर होने के साथ ही मुख्य मार्ग पर स्थित है।
पहले यह लोदी किसान इंटर कालेज रुप में था अब यह किसी परिचय का मोहताज नहीं है शिक्षा क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाकर लोगों के लिए वरदान साबित होता यह विद्यालय लगातार विकास के पथ पर अग्रसर है।
वैसे तो इस क्षेत्र में 1996 में लोदी किसान इंटर कालेज की स्थापना तो कर दी गई थी लेकिन आवश्यकता इस बात कि थी कि इस विद्यालय की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी किसके हाथों में सौंपी जाए इसी बीच एमए-बीएड की परीक्षा पास करने के साथ ही कुशल नेतृत्व रखने के साथ प्रखर वक्ता, छात्र एवं विद्यालय के बीच सामंजस्य बनाने के अलावा विषय विशेष में पारखी एवं पैनी नजर रखने में माहिर हीरालाल यादव शिक्षा की व्यवस्था से संपन्न होने के साथ शिक्षा क्षेत्र में इनकी बढ़ती रुझान को देखकर विद्यालय के संस्थापक का यह मानना था कि अगर इनके हाथ में विद्यालय की व्यवस्था दे दी जाए तो निश्चित रूप से विद्यालय को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकते हैं और सच में जिस जिम्मेदारी, ईमानदारी के साथ इस विद्यालय के प्रति समर्पित रहकर हीरालाल यादव विद्यालय को आगे बढ़ाने के लिए सदैव प्रयत्नशील रहते हैं। यही सोचकर जिम्मेदार लोगों ने उच्च स्तर पर विद्यालय को बढ़ाने का मन भी बना लिया यही कारण था कि 1914 में महाविद्यालय की स्थापना करके क्षेत्रीय लोगों के लिए शिक्षा की व्यवस्था मे चार चांद लगा दिया गया।
इस समय यह महाविद्यालय स्नातकोत्तर के साथ बीटीसी की शिक्षा देने में काफी माहिर हो चुका है। वैज्ञानिक वर्ग में बायोलॉजी, मैथ और केमिस्ट्री की शिक्षा देने के लिए योग्य शिक्षकों द्वारा महत्वपूर्ण शिक्षा दी जाती है जिससे दूर दराज के लोग तो शिक्षा ग्रहण करने आते हैं।
वहीं कला वर्ग में हिंदी, गृह विज्ञान, समाजशास्त्र, शिक्षा शास्त्र से स्नातकोत्तर के शिक्षा से परिपूर्ण पूर्ण हो चुका है। इस महाविद्यालय की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बीसों किमी की दूरी में इस महाविद्यालय कि आहट सुनी जा सकती है।
इस विद्यालय से बहुत से परिवार जुड़कर अपने और अपने परिवार के जीविकोपार्जन के लिए पहचान बना लिए हैं इतना ही नहीं यहां से शिक्षा ग्रहण करने की पश्चात भारी संख्या में शिक्षक, डॉक्टर, इंजीनियर, प्राइवेट कंपनियों में अच्छी जॉब लगने के पश्चात अपने रहन-सहन में काफी बदलाव कर लिए हैं।
महाविद्यालय के प्रबंधक हीरालाल यादव खुद बताते हैं। यह विद्यालय भले ही जनपद आजमगढ़ के पश्चिमी अम्बेडकर नगर की सीमा पर स्थित है लेकिन आजमगढ़ अम्बेडकर नगर दोनों जनपदों से भारी संख्या में लोग इस विद्यालय से शिक्षा ग्रहण करके औरों के लिए प्रेरणा स्रोत बन जाते हैं। जब इस विद्यालय में इंटर की कक्षा शुरू की गई थी।
उस समय छात्रों की संख्या 3600 के आसपास थी लेकिन उसके बाद लगातार आसपास दसों विद्यालय खुल जाने से छात्रों की संख्या भले ही कुछ कम हुई लेकिन आज भी इण्टर में इस समय 1800 के आसपास छात्र छात्राओं की संख्या है जिसका मुख्य कारण यह है कि शिक्षा देने में यह विद्यालय कभी किसी से कोई समझौता नहीं किया।
महत्वपूर्ण तथ्य तो यह भी है कि बिल्डिंग, उसकी बाउंड्री, बस, सुलभ मार्ग, सीसीटीवी, शौचालय के साथ हर अत्याधुनिक व्यवस्था से परिपूर्ण विद्यालय में टाप करने वाले छात्रों को सम्मानित करना, गरीब, असहाय, मजबूर छात्रों की समय-समय पर सहयोग करना, स्कालरशिप की सुविधा सबको मिले ऐसी सोच इस विद्यालय की अब नीयत बन चुकी है।