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इण्टरलाकिंग, मनरेगा नल रिबोर नाली निर्माण कार्यों में की हुई धांधली
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मानक की उड़ाई जा रही धज्जियां, अधिकतम मजदूरों की हाजिरी भरकर निकाला जा रहा रुपया
विशाल रस्तोगी
सीतापुर। ब्लाक सकरन की ग्राम पंचायत में प्रधान द्वारा जमकर धनउगाही की जा रही है। सचिव व प्रधान द्वारा अवैध तरीके से धन का दुरुपयोग किया गया जहां प्रधान एवं पंचायत मित्र द्वारा अपने ही खास लोगों की फर्म पर पैसा लगाकर वापस लिया जाता है।
लाखों रुपए का भुगतान का वारा न्यारा किया गया। वहीं जो भी कार्य मानक के अनुसार कराए जाने थे मानकों को दरकिनार रखते हुए दुरुपयोग किया गया। जबकि शासन के द्वारा निर्धारित मानक पर कार्य करने के लिए निर्देशित किया जाता है लेकिन मानकों की धज्जियां उड़ाते हुए विकास कार्य कराए गए जहां खुलेआम प्रधान कमीशन लेते हैं और पात्र व्यक्तियों को जो भी लाभ मिलना चाहिए उसका लाभ नहीं मिलता है।
चाहे वह मनरेगा का कार्य हो या फिर 15 वित्त का जिसमें पंचायत मित्र की भी हिस्सेदारी की जाती है। मनरेगा में अधिकतम मजदूरों की हाजिरी लगाई जा रही है। ग्रामवासियों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि प्रधान बन जाने के बाद जनता को भूल जाते हैं और अपना ही विकास करने लगते हैं जबकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिशा निर्देश दिए जाते रहते हैं लेकिन ग्राम प्रधान के धांधलेबाजी करते हुए नजर आते हैं।
वहीं जो कार्य प्रारंभ होता है उसका मानक के अनुसार बोर्ड लगाया जाता है लेकिन इस ग्राम सभा में जो भी कार्य हुए हैं उसमें ना तो बोर्ड लगवाए गए हैं और ना तो दर्शाया गया है कि यह कार्य कितने बजट में कराया गया है जिससे भ्रष्टाचार खुलकर सामने आ रहा है। मनरेगा के अधिक मजदूरों की हाजिरी दर्शायी गई और फील्ड पर काम करते हुए केवल 12 मजदूर नजर आए। वहीं ग्रामवासियों ने बताया कि ग्राम प्रधान एवं पंचायत मित्र द्वारा बहुत बड़ा खेल खेला जा रहा है।
अधिकतम लेबरों की हाजिरी लगाकर अवैध तरीके से पैसा निकाला जाता है और जो फर्जी श्रमिक चढ़े हुए हैं उन्हें सिर्फ 400 रूपये दे दिए जाते हैं और 15 दिन की हाजिरी भरी जाती है। अब देखना यह है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के आदेशों का जिम्मेदार बैठे अधिकारी जांच करने में अपनी अहम भूमिका निभाते हैं या नहीं?