झोला छाप डाक्टरों के जनता हॉस्पिटल व पाल हड्डी क्लीनिक पर शिकंजा नहीं कस पा रही सलोन सीएचसी

  • कई बार मरीजों की जान जोखिम में डाल चुके हैं झोला छाप डॉक्टर, वर्षों से फल-फूल रहा गोरखधंधा

अनुभव शुक्ला
सलोन, रायबरेली। जिले में झोला छाप डॉक्टरों की करतूतों से वर्ष 2024 में कई मौतें हुई। हाल ही में सलोन तहसील क्षेत्र के मटियरवा चौराहा पर संचालित झोला छाप डॉक्टरों के कथित अस्पताल में विवाहिता की मौत हुई थी किंतु इतने मामलों से भी सलोन सीएचसी अधीक्षक गम्भीर नहीं हुए। हम आपको सलोन सीएचसी से महज चंद कदम दूरी पर मौजूद सलोन कस्बा क्षेत्र में ही दो अवैध क्लीनिकों को बता रहे हैं जिन पर बैठने वाले झोलाछाप डॉक्टरों की करतूतों से कई बार मरीजों की जान पर बीत चुकी है।
सलोन ब्लाक से चंद कदम दूरी पर मौजूद पहला झोला छाप डॉक्टरों का अड्डा नवीन मंडी समिति के ठीक पहले उसरी माइनर के किनारे जनता चिकित्सालय के नाम से मौजूद है जहां बीते महज दो वर्ष पहले दुबहन गांव की एक विवाहिता को जान से हाथ धोना पड़ा था। काफी घंटे चले हंगामें के बाद मामला सांठ-गांठ कर निपटाया गया। उस दौरान झोलाछाप डॉक्टर बैनर तक उखाड़कर भाग खड़े हुए थे जिसके बाद एक बार फिर से झोलाछाप का अड्डा जनता अस्पताल के नाम से संचालित हुआ।
वहीं दूसरा अड्डा मानिकपुर रोड पर चौराहा से चंद कदम दूरी पर मौजूद है जहां पाल हड्डी क्लीनिक के नाम से संचालित इस अवैध क्लीनिक पर ऐसे कई मरीजों के टूटे हाथ पैर का इलाज अनभिज्ञता से किया गया। परिणामस्वरूप आज तक में ऐसे कई मरीज हैं जिनके कहीं हाथ टेढ़े हैं तो कहीं पैर। ऐसे मरीज आये दिन पाल हड्डी क्लीनिक के झोला छाप डॉक्टर को कोश रहे हैं। यदि सूत्रों की मानें तो सलोन सीएचसी के डाक्टरों की सांठ-गांठ से इन झोला छाप डॉक्टरों का गोरखधंधा वर्षों से फल-फूल रहा है।
आखिर इन दोनों की करतूतों के और कितने मरीज शिकार होंगे? इस उत्तर मिलना मील का पत्थर साबित हो रहा है। अब देखना यह है कि सलोन सीएचसी अधीक्षक इन झोला छाप डॉक्टरों के कारनामों पर शिकंजा कस पायेंगे या नहीं यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

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