तुमसे प्यार मैंने कर लिया।
ओ साथिया, मेरे साथिया।।
तुमसे प्यार मैंने कर लिया।।
जादू है तेरी बातों में,
कैसे तुम्हें समझाऊं।।
तू हँस के जो साथ चल दे,
जुल्फों में तेरी खो जाऊं।।
चाहत ने तेरी बदनाम कर दिया।।
ओ साथिया, मेरे साथिया
तुमसे प्यार मैंने कर लिया।।
जो नशा है, तेरी आंखों में
वो जाम कहां से लाऊं,
होठों को चूम लूं मैं,
जुल्फों में तेरी खो जाऊं।।
सांसों को तेरे नाम कर दिया।।
ओ साथिया, मेरे साथिया
तुमसे प्यार मैंने कर लिया।।
दर्दे मोहब्बत को मैं,
कैसे तुम्हें समझाऊं।।
दिन हो या फिर रात हो,
बस तुमको ही चाहूं।।
दिल की कलम से,
ये पैगाम लिख दिया।।
ओ साथिया, मेरे साथिया
तुमसे प्यार मैंने कर लिया।।
मस्ती है जो तेरे इश्क में,
उसे ढूंढे कहीं ना पाऊं।।
गुलशन के फूलों से,
तेरे हुस्न को महकाऊ।।
बेहाल तूने सुबहो-शाम कर दिया।।
ओ साथिया, मेरे साथिया
तुमसे प्यार मैंने कर लिया।।
आलोक कुमार
रिंग रोड, कल्याणपुर, लखनऊ