आखिर कब होंगी परसेंडी में तैनात तकनीकी सहायक अजय की जांच?
अगर जांच हो जाय तो जांच के बाद खुलेंगे तकनीकी सहायक की कलई
विशाल रस्तोगी सीतापुर। मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार के भ्रष्टाचार को रोकने के लिए अगर प्रयास निरंतर किया जा रहे हैं तो वहीं भ्रष्टाचारी भी भ्रष्टाचार को बढ़ाने में पीछे नहीं दिखाई दे रहे हैं तो इस बात की पुष्टि अगर करनी है तो परसेंडी ब्लॉक आ जाइए, क्योंकि इन दिनों गलियों में और परसेंडी के चौराहों पर चर्चा सिर्फ एक ही तकनीकी सहायक की हो रही है जिनका नाम अनूप कुमार कहा जा रहा है तो वही यह भी कहा जा रहा है कि परसेंडी विकास खंड में अगर मनरेगा जैसी योजना में कमाई करनी है तो अनूप कुमार का सहारा बहुत मजबूत है।
अगर इनका ग्राम पंचायत में नाम जुड़ गया तो वह सारे रास्ते भ्रष्टाचार की पता चलेंगे जो शायद दूसरा तकनीकी सहायक उसे परहेज करेगा लेकिन साहब अनूप कुमार इससे परे हैं।
भ्रष्टाचार कैसे करना है और ग्राम पंचायत में किस तरीके से योजना का संचालन करना है, यह बखूबी जानते हैं। 18 ग्राम पंचायत में जिम्मा संभाल रहे आखिर क्या होगी खैराबान में तैनात तकनीकी सहायक की जांच? तकनीकी सहायक अनूप कुमार अगर इनकी ग्राम पंचायत में योजना की तकनीकी स्तर पर जांच कर ली जाए तो उके द्वारा ग्राम पंचायत में किस तरीके से योजना का संचालन हो रहा है, वह बखूबी पता चल जाएगा।
यह भी चर्चा हो रही है कि साहब जब लिफाफा लेते हैं तो सफेद लिफाफा देते वक्त कोई भी वहां नहीं हो सकता है और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट तो साहब के इर्द-गिर्द नहीं जा सकता जब तक वह न चाहे और अभद्र भाषा के लिए भी काफी चर्चित हो रहे हैं तो क्या अभद्र भाषा का भी यह प्रयोग करते हैं तो इस पर भी बातें खूब सारी अनेक अनेक होती रही है कि शायद प्रधान से खर्चा देरी से पहुंचने पर तीखे सुरों में बात करते हैं।
अगर इनकी जांच कर दी जाए तो योजनाओं में घोटाले का अंबार मिल जाएगा तो क्या तकनीकी सहायक अनूप कुमार के भ्रष्टाचार पर तकनीकी जांच होगी तभी तो निकल पाएगा। भ्रष्टाचार क्या है, हकीकत होगा पदार्फाश या फिर भ्रष्टाचार की बातें सही है और मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।