ग्रामसभा जरेली के मजारे कैमरहा की कैसे बदले तस्वीर जब सिस्टम में लगा घोटालों का ग्रहण!

  • घोटालों का ग्रहण बना प्रधान सचिव और टीए के लिए वरदान

  • आखिर किसकी जेब में जा रहा सरकारी भुगतान बना जांच का विषय

विशाल रस्तोगी
सीतापुर। परसेंडी ब्लाक की ग्रामसभा जरेली के मजारे कैमरहा अपनी दुर्दशा पर आंसू बहाने के सिवाय और कुछ नहीं कर पा रही है। ग्रामसभा जरेली के मजारे कैमरहा की दुर्दशा का आलम यह है कि सरकारी आंकड़ों पर तो विकास में ग्रामसभा जरेली के मजारे कैमरहा की बात कर ली जाए तो अव्वल आएगी लेकिन जब बात घरातल स्थिति के बारे में कर ली जाए तो ग्रामसभा के बारे में बताया जा रहा है। स्थितियां आंकड़ों से बिल्कुल भी इत्तेफाक नहीं रख रहे हैं।
जिसने भी स्थितियां देखी, वह दंग रह गया और सबसे बड़ा सवाल किया कि आखिर किस की जेब में जा रहा सरकारी भुगतान? आखिर वह कौन सा सिस्टम बन गया है जिसके कारण से सरकारी दस्तावेजों विकास दिख रहा है लेकिन जब स्थित घरातल पर देखी जाती है तो विकास के नाम पर महज खानापूर्ति पाई जाती है। क्या विकास की जगह पर ग्रामसभा जरेली के मजारे कैमरहा की किस्मत में सिर्फ और सिर्फ खानापूर्ति ही रह गई है?
विकास के नाम पर ग्रामसभा जरेली के मजारे कैमरहा साथ जो छल किया जा रहा है। जनता उसे भली-भांति समझ रही है। शायद यही कारण है कि ग्रामसभा जरेली के मजारे कैमरहा में हुए विकास कार्यों की चर्चाएं जनता के बीच दबी जुबान बुदबुदाई जा रही हैं।
यदि ग्रामसभा बद्रीपुर क्षेत्र में होने वाली चर्चाओं के बारे में गौर फरमाया जाए तो परसेंडी ब्लाक की ग्रामसभा जरेली के मजारे कैमरहा प्रधान सचिव और टीए ने मिलकर न जाने ऐसा कौन सा सिस्टम बनाया है जिसके कारण से सरकारी आंकड़ों में तो विकास धड़ल्ले से दिखाई देता है। वहीं जब बात धरातल की होती है तो वही विकास धड़ाम से गिर जाता है।
दवी जुबान जनता के बीच होने वाली चर्चाओं को यदि ध्यान से सुन लिया जाए तो चर्चा यह भी की जा रही है कि गड़बड़झाला के इस सिस्टम में प्रधान सचिव और टीए को ब्लॉक पर बैठे ब्लॉक के अधिकारी का भरपूर सहयोग मिल रहा है जिसके दम पर यह तिलिस्मी सिस्टम दिन व दिन मजबूत होता जा रहा है।
यही तिलिस्मी सिस्टम प्रधान सचिव टीए और ब्लॉक के अधिकारी के लिए वरदान साबित हो रहा है। यदि ग्रामसभा जरेली के मजारे कैमरहा में मोइनुद्दीन के मकान से मोहरमाली के मकान तक बने इंटरलॉकिंग कार्य की बात कर ली जाए तो इसके बारे में सूत्रों ने जो चौंकाने वाला खुलासा किया है। वह हकीकत से इत्तेफाक रख सकता है।
ग्रामसभा में बने इस इंटरलॉकिंग कार्य में मानक और सामग्री चर्चाओं का विषय बनी रही। साथ ही गुणवत्ता पर तमाम सवाल खड़े किए गए। लाखों रुपए की कीमत से बना इंटरलॉकिंग कार्य प्रधान सचिव और टीए की आमदनी का अच्छा जरिया बन गयां साथ ही मोटा तिलिस्मी लिफाफा ब्लॉक के अधिकारी की जेब में भी गया।
इस प्रकार इंटरलॉकिंग कार्य में बंदरबांट की चर्चाएं जनता के साथ ब्लॉक क्षेत्र में भी बुदबुदाई जा रही हैं। कुछ तो जरूर होगा जिसके कारण से ग्रामसभा जरेली के मजारे कैमरहा में बना इंटरलॉकिंग कार्य सवालों के साथ जांच की ओर इशारा भी कर रहा है। इंटरलॉकिंग कार्य की जांच के बाद ही स्थितियां स्पष्ट हो पाएगी।

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