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प्रधानों व सचिव का खुल सकता है घोटालों का राज
विशाल रस्तोगी
सीतापुर। क्या मछरेहटा ब्लाक की सभी ग्रामसभाओं में केवल फर्जीवाड़ा ही हो रहा है। कहीं सरकारी इण्डिया मार्का हैण्डपम्म रिबोर घोटालो तो कहीं मनरेगा घोटालो, स्ट्रीट लाइट घोटाला निर्माण घोटालो के जिन्न निकला ही करते है लेकिन मछरेहटा ब्लाक की कुछ ग्रामसभाएं ऐसी है जहां गरीबों के हक पर डाका डाला जा रहा है। उनकी छतों को छीना जा रहा है। सचिव संदीप कुमार एडीओ पंचायत है जो सचिव और प्रधान दोनो लोग अपनी जेबो का वजन तौलने में जुटे हैं।
पात्रों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है क्योकि उनके पास प्रधान और सचिव संदीप कुमार को देने के लिये पैसे नहीं है और अपात्रों को हर योजना का लाभ मिल रहा है क्योकि वह योजना से मिली धनराशि का एक बड़ा हिस्सा प्रधान और सचिव को देते हैं। इस प्रकार दावे सूत्रो द्वारा भी किये जा रहे है।
जो संकेत मिल रहे है उसके अनुसार इन प्रधानों और सचिव की पोल खोल सकती है घोटालों के राज भ्रष्टाचार घोटालेबाज सचिवों और भ्रष्टाचारी प्रधानों के खिलाफ कार्यवाही केवल इस लिये सम्पन्न नहीं हो पा रही है कि क्योकि इन सबको ब्लाक के अधिकारियों से सेटिंग है शायद इस बात की जानकारी शासन को हो चुकी है और सीएम योगी भी इस बात को जान चुके है इसी कारण शासन द्वारा हर वर्तमान और पूर्व प्रधान की जांच करवाने की तैयारी की जा रही है।
चुनाव के पहले प्रधान की स्थित क्या थी और चुनाव के बाद क्या हो गयी है तो वहीं पूर्व प्रधान की चुनाव के पहले स्थित क्या थी और चुनाव के बाद क्या रही है। इसके अलावा अन्य गम्भीर कई विन्दुओं पर जांच की तैयारी की जा रही है क्योकि ग्रामसभा पंचायत स्तर पर सबसे अधिक घोटालों हो रहा है।
ग्रामसभाएं घोटालों की मार से कराह उठी है। इस समय मछरेहटा ब्लाक में संदीप कुमार के अण्डर वाली ग्रामसभाएं काफी चर्चाओं से गुजर रही है। संदीप कुमार के अण्डर वाली कुछ ग्रामसभाएं तो विकास के लिये तरस रही है लेकिन सचिव को अपने जेबो का वजन तौलने से ही फुरसत नहीं रहती है।
ग्रामसभा की मछरेहटा की प्रधान है लेकिन प्रधानी उनके परिवार के सदस्य देख रहे है तो नाम मात्र की प्रधान है प्रधान और सचिव संदीप कुमार मिलकर इस समय केवल आवास योजना को अपनी आमदनी का जरिया बनाया जा चुका है। आवास पास करने की एवज बीस हजार रूपये लिये जा रहे है।
जो यह रकम देने में सक्षम नहीं है पात्र होने के बाद भी उसको आवास नहीं दिया जाता है। वहीं सचिव संदीप कुमार ही ग्रामसभा भेलवा के सचिव है और यहां के प्रधान कहना है। भेलवा प्रधान और सचिव संदीप कुमार की जोड़ी काफे बेहतर कही जा रही है और दोनो लोग मिलकर योजनाओं का बंटाधार करने पर तुले है।
पात्रों को छत नसीब नहीं हो रही हो रही है और अपात्रों योजनाओं के जरिये मौज मार रहे है। गंधेरिया ग्रामसभा का भी यही हाल है यहां की प्रधान है। प्रधानों नहीं करती है प्रधान उनके सदस्य ही करते हैं ऐसी चर्चाएं की जा रही है। ग्रामसभा मिर्जापुर उत्तरी विकास की राह देख रही है तो योजनाओं का लाभ पात्रों को नहीं मिल पा रहा है।
यहां के भी सचिव संदीप कुमार ही है इसके बाद अगली ग्रामसभा बिजवामऊ है जिसको प्रधान तो है यह भी वही सिस्टम लागू है प्रधानी उनके सदस्य ही देख रहे है यहां विकास का टोटा लगा है। गन्दगी की भरमार है गरीब आवास योजना के तहत छत पाने का सपना देख रहे है लेकिन प्रधान और सचिव संदीप कुमार का फर्जीवाड़ा इन गरीबो के सपनों को पूरा होने ही नहीं दे रहा।