सचिव संदीप कुमार जो एडीओ पंचायत हैं, की ग्रामसभाओं में मिल रहे घोटाले के संकेत
जांच पड़ताल हुई तो गिर सकती है कार्यवाही की गाज
विशाल रस्तोगी सीतापुर। मछरेहटा विकास खण्ड की ग्रामसभा गंधेरिया, भेलवा, मछरेहटा, मिर्जापुर उत्तरी, बिजवा मऊ आदि ग्रामसभाओं के सचिव संदीप कुमार जो एडीओ पंचायत पद पर भी तैनात हैं, इस समय चर्चाएं खास बने हुये हैं। कुछ या फिर अधिकांश शौचालय सचिव संदीप कुमार के कार्यकाल न बने हो लेकिन अगर शौचालय निर्माण में घोटालों के संकेत मिल रहे हैं तो प्रथम दृष्ट्या जवाबदेही तो सचिव की ही बनती है, क्योंकि सचिव द्वारा जो दावे किये जा रहे दावों उन पर तो भरोसा किसी भी कीमत पर किया ही नहीं जा सकता है, क्योंकि सचिव किये जा रहे दावों में झूठ की बू आ रही है।
ग्रामसभाओं में मिल रहे शौचालय घोटाले के संकेत सचिव का दावा है कि हमारी ग्रामसभाओं में शौचालय घोटाला नहीं हुआ है सभी ग्रामसभाओं के सामुदायिक शौचालय खुले है सभी चालू है। इसके पलट ग्रामसभवासियों की बातें कुछ और भी बता रही हैं। मजरों के लोग शौच आज भी खुले में जा रहे हैं। अगर सचिव की ग्रामसभाओं में बने शौचालयों की जांच कर ली जाय तो हकीकत का पता अपने आप ही चल जायेगा।
सूत्रों द्वारा दावा किया जा रहा है कि भले ही जब उक्त ग्रामसभाओं में घोटालो को अंजाम दिया गया है तो संदीप कुमार उक्त ग्रामसभाओं में तैनात हो अथवा न हो, यह तो अलग बात है लेकिन सत्य तो यह कि आज के सचिव की उक्त 5 ग्रामसभाओं से शौचालय घोटाले के जिक्र प्रकाश में आ रहे हैं। अगर जांच हुई तो विकास खण्ड मछरेहटा की ग्रामसभा मछरेहटा वह सचिव संदीप कुमार की अन्य ग्रामसभाओं में जिस तरह से शौचालय घोटालों के जिन्न निकले हैं, उसी प्रकार से मछरेहटा की तरह सचिव की ग्रामसभाओं से घोटालों के जिन निकलने लाजिमी है। इस प्रकार की चर्चा की जा रही है।
सूत्रों के अनुसार सचिव की ग्रामसभाओं में शौचालय आवंटन के नाम पर पात्रों से वसूली की है। ब्लाक स्तर व सचिव दावा यह भी कर रहे हैं कि जब पैसा सीधे पात्र के खाते में गया तो गड़बड़ कैसे हुआ तो इसका उत्तर भी मिल चुका है, क्योंकि पात्र का शौचालय उस स्थिति में पास हुआ जब पहले पात्र ने प्रधान को दो हजार रूपये दिये। इस कारण सबसे बड़े दोषी तो प्रधान है। सूत्रों का दावा है कि विकास खण्ड मछरेहटा की उक्त ग्रामसभाओं में घोटाले प्रधानों की सह पर किये गये हैं लेकिन इन घोटालो में शामिल सचिव भी रहे हैं। फिर मछरेहटा ब्लाक की कुछ ग्राम पंचायतों के प्रधान ऐसे है जो अपने को बादशाह समझते हैं और वह ब्लाक के अधिकारियों पर अपना रूतबा गांठते हुए और राजनैतिक भय दिखाते हुए फर्जीवाड़ा कर रहे हैं। इस प्रकार की जानकारी छनकर आ रही है। इस मामले को भी जांच और कार्यवाही होनी समय की मांग है।