विशाल रस्तोगी
सीतापुर। कोहरे, पाले व शीतलहर की चपेट में रहा। गलन बेहाल करती रही। घने कोहरे के कारण सुबह दृश्यता शून्य रही। सड़कों पर यातायात थम सा गया। इक्का-दुक्का वाहन हेडलाइट जलाकर धीमी गति से रेंगते नजर आए। कड़ाके की ठंड से राहत पाने के लिए अलाव के इर्द-गिर्द सिमटे रहे। वहीं कोहरे का सबसे ज्यादा असर ट्रेनों के संचालन पर पड़ा। कई ट्रेनें समय की पटरी से उतर गईं। सुबह 15009 मैलानी एक्सप्रेस, डालीगंज मैलानी पैसेंजर देरी की शिकार हुई। वहीं देर रात भी डालीगंज मैलानी पैसेंजर ट्रेन 8 बजकर 35 मिनट के स्थान पर 9 बजकर 15 मिनट पर सीतपुर जंक्शन पहुंची। पहाड़ों पर होने वाली बर्फबारी का जिले में व्यापक असर है। एक सप्ताह पहले सर्दी ने तेवर दिखाने शुरू किए जो अब तक जारी हैं।
कड़ाके की ठंड लगातार बढ़ती जा रही है। सुबह लोगों ने बिस्तर छोड़ा तो कोहरे के साथ शीतलहर से सामना हुआ। जहां कोहरा सड़क पर चलने वाले वाहनों के लिए स्पीड ब्रेकर साबित हुआ, वहीं बर्फीली हवा और पड़ रहे पाले से जिंदगी की रफ्तार थमी रही लेकिन घरों व दफ्तरों में गलन कम नहीं हुई। कड़ाके की ठंड से राहत पाने के लिए लोग अलाव व हीटर का सहारा लेते नजर आए। दिन में 5 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली बर्फीली हवा हड्डियां तक कंपाती रही। शाम गहराते ही सर्द हवा ने और जोर पकड़ लिया। गलन ने कंपकंपी छुड़ाई तो सड़कों पर दिखने वाले इक्का-दुक्का लोग भी अपने घरों में जा दुबके। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार को अधिकतम तापमान 20 डिग्री और न्यूनतम 11 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। तापमान में उतार-चढ़ाव के बाद भी कड़ाके की ठंड से राहत के आसार फिलहाल नही हैं। इससे शहर की बाजार में चहल-पहल नजर आई। व्यापारियों के मुताबिक कड़ाके की ठंड के कारण दुकानों पर ग्राहक नहीं पहुंच रहे थे। इससे कारोबार मंदा हो गया था।